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रामलीलाओं और दुर्गा पूजा में साकार हो रही दिल्ली की 'नाइट लाइफ', रोमांचक झूलों के साथ मनोरंजन के कई साधन

पहली बार दिल्ली की रामलीलाओं व दुर्गा पूजा पंडाल रात्रि 12 बजे तक खोले जाने की अनुमति है। ऐसे में देर रात तक दिल्ली वाले इन स्थलों पर अपनी संस्कृति संस्कार व धर्म से साक्षात्कार करने के साथ परिवार व दोस्तों के साथ मस्ती करने पहुंच रहे हैं। यहां उन्हें विविध व्यंजनों के साथ ही रोमांचकारी झूलों का आनन्द भी मिल जा रहा है।

By Nimish HemantEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Sun, 22 Oct 2023 08:40 AM (IST)
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रामलीलाओं और दुर्गा पूजा में साकार हो रही दिल्ली की 'नाइट लाइफ'

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की रामलीलाओं व दुर्गा पूजा पंडालाें में दिल्ली की 'नाइट लाइफ' साकार हो रही है। पहली बार दिल्ली की रामलीलाओं व दुर्गा पूजा पंडाल रात्रि 12 बजे तक खोले जाने की अनुमति है।

ऐसे में देर रात तक दिल्ली वाले इन स्थलों पर अपनी संस्कृति, संस्कार व धर्म से साक्षात्कार करने के साथ परिवार व दोस्तों के साथ मस्ती करने पहुंच रहे हैं। यहां उन्हें विविध व्यंजनों के साथ ही रोमांचकारी झूलों का आनन्द भी मिल जा रहा है। इसी तरह मनोरंजन के विविध साधन भी इन स्थलों पर उपलब्ध हैं।

लवकुश रामलीला में पहुंचे 20 हजार से अधिक लोग

इसलिए आयोजन स्थलों पर बच्चों से लेकर बड़ों तक की हंसी और मस्ती देखते ही बन रही है। शनिवार को लालकिला में मंचित हो रही श्रीधार्मिक, नव श्री व लवकुश रामलीला में 20 हजार से अधिक लोग पहुंचे। रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला में भी आए लोगों की संख्या पांच हजार से अधिक थी।

स्थिति यह कि व्यंजनों के पंडाल से लेकर मेले वाले स्थानों पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी। लाइटों से जगमग मेले व मंचन से लालकिले की भव्यता देखते ही बन रही है।

इस वर्ष दिल्ली भर में 600 के करीब रामलीला का मंचन और तकरीबन 500 दुर्गा पूजा पंडालों में मां दुर्गा की पूजा हो रही है। इनमें से कई पुराने और काफी प्रसिद्ध है, कुछ मोहल्ला स्तर के हैं।

बच्चों से लेकर बड़ों तक को लुभाने के इंतजाम 

अधिकतर रामलीलाओं में एक बड़े स्थान पर मेले लगे हुए हैं। जिसमें बच्चों से लेकर बड़ों तक को लुभाने वाले झूले लगे हुए हैं, जो उन्हें खूब पसंद आ रहे हैं। इसमें 75 फीट ऊंचे बड़े झूलों से लेकर ड्रैगन झूला, कोलंबस बोट, ब्रेक डांस, रेंजर, ज्वाइंट व्हील व कटर पिलर्स जैसे झूले हैं। इसी तरह बच्चों के लिए मोटर बाइक, घोड़ा व कार झूला भी है।

करोलबाग से परिवार के साथ आई प्रियंका ने बताया कि वह तो सबसे ऊंचे झूले पर झूलने के लिए यहां तक आई हैं। इसी तरह बच्चों की पसंद कार वाला झूला रहा। मेला स्थलों पर गुब्बारे पर निशाना लगाना, बाक्सिंग से दमखम दिखाना, स्टूडियों में फोटो खिंचवाने के साथ ही बच्चों के लिए हनुमान जी का मुखौटा, तीर, धनुष, गदा व महिलाओं के लिए झूमके आदि भी मिल रहे हैं। आइसक्रीम व चाट के स्टालों पर काफी भीड़ है।

10 दिनों में मस्ती के लिए रहता है दिल्ली वालोंं को इंतजार

नव श्री धार्मिक के प्रवक्ता राहुल शर्मा के अनुसार इन 10 दिनों में मस्ती के लिए दिल्ली वालोंं को काफी इंतजार रहता है। क्योंकि यहां हर आयु वर्ग के लुभाने के लिए साधन हैं। 100 से अधिक प्रकार के व्यंजनों का स्वाद भी इसे खास बनाता है।

इसी तरह देर रात्रि तक दुर्गा पूजा स्थलों पर भी बंगाली व्यंजनों का लोग लुफ्त उठाते दिखे। सिविल लाइंस स्थित दुर्गा पूजा के आयोजन से जुड़े राबिन बाेस के अनुसार पहली बार दुर्गा पूजा को मध्य रात्रि तक आयोजन की अनुमति मिली है। इसलिए रात्रि 11 बजे तक पंडाल खुल रहे हैं। उसके बाद लोगों के जाते-जाते रात्रि 12 बज जा रहे हैं।