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दिल्ली कोचिंग हादसा: पानी में शव नहीं, उतरा रहे थे नालों की सफाई के थोथे दावे; कब रुकेगी लापरवाही?

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राव कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में शनिवार शाम पानी भरने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई। इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज किया है। एनडीआरएफ द्वारा चलाए गए बचाव अभियान के दौरान राव स्टडी सर्किल के बेसमेंट से तीन अभ्यर्थियों के शव बरामद किए गए जिनमें दो छात्राएं और एक छात्र शामिल है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 28 Jul 2024 02:08 PM (IST)
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कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से UPSC के तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई। फोटो- जागरण

निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित छात्र-छात्राएं प्रदर्शन कर प्रशासन से जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।

जलभराव से हर साल जाती है लोगों की जान

मालूम हो कि हर वर्ष बारिश से हुए जलभराव के कारण लोगों की जान चली जाती है, लेकिन लाल फीताशाही है कि उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। एजेंसियों के आरोप प्रत्यारोप के बीच इस वर्ष भी देश की सिविल सेवा में चयनित होने का सपना पाले हुए एक छात्र और दो छात्राओं की मृत्यु हो गई। उनके शव उतरा रहे थे।

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घटना से खुली नालों की सफाई के दावों की पोल

नालों की सफाई के लिए जिम्मेदार निगम से लेकर पीडब्ल्यूडी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और एनडीएमसी नालों की सफाई पूरी होने का दावा करते रहे, लेकिन जगह-जगह हो रहे जलभराव और राजेंद्र नगर की घटना ने दावों की पोल खोलकर रख दी है।

वैसे तो दिल्ली में 30 मई तक हर वर्ष नालों की सफाई का लक्ष्य रखा जाता है, लेकिन इसे हर वर्ष 15 जून तक बढ़ाया जाता है। तमाम समय-सीमा बढ़ाने के बाद भी हकीकत में नालों की सफाई पूरी नहीं होती है।

केवल कागजी ही थे नालों की सफाई के दावे

राजधानी दिल्ली में अब रिहायशी इलाकों से लेकर प्रमुख मार्गों पर सड़क किनारे नालों से निकाली हुई गाद की तस्वीरें लोगों को दिख जाएंगी, जिससे साबित होता है कि नालों की सफाई के दावे केवल कागजी ही थे, क्योंकि अगर नाले साफ हो गए थ तो फिर यह गाद अब सड़कों पर कहा से आ गई।

एमसीडी की बात करें, तो चार फीट से गहरे 713 नाले हैं। 80,690 मीट्रिक टन गाद को निकाला है। नालों से निकाली जाने वाली गाद और सफाई हमेशा संदेह के गहरे में रहती है। साथ ही जलभराव और इस तरह की घटनाओं से भ्रष्टाचार की बू आती है। दिल्ली में नालों की सफाई पर 100 करोड़ से ज्यादा का खर्चा हर वर्ष होता है।

मानसून में जलभराव और दूसरे कारणों से होने वाली मौतें

  • 25 जून 2023: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महिला की मौत करंट लगने की वजह से हो गई
  • 27 जून 2023: तैमूर नगर में कॉलोनी में जलभराव होने से करंट की चपेट में 17 वर्षीय युवक आ गया और उसकी मौत हो गई
  • 2 जुलाई 2023: एलएन अस्पताल में निर्माणाधीन इमारत में करंट आने से एक श्रमिक की मृत्यु हो गई
  • 19 मई 2024: किराडी के इंद्रा एन्क्लेव से गुजरते हुए एक खुले तार से रेहड़ी में करंट आ गया, जिससे एक व्यक्ति की मौत गई
  • 29 जून 2024: सिरसपुर अंडरपास में जलभराव के दौरान करंट आ गया और दो बच्चों की मौत हो गई
  • 28 जून 2024 : किराड़ी में एक दुकान के बाहर लगे लोहे के पाइप में करंट आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई
  • 13 जुलाई 2024: यमुना विहार इलाके में बिजली के खंभे में करंट आने से महिला की जान चली गई
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