Delhi: 50 कर्मचारी वाले संस्थान के मालिक को करनी होगी क्रेच की व्यवस्था, महिला एवं बाल विकास विभाग की दो टूक
दिल्ली में 50 या इससे अधिक महिला-पुरुष कर्मचारी वाले संस्थान के मालिक को क्रेच की व्यवस्था करनी होगी जहां काम के दौरान कामकाजी महिलाएं अपने बच्चों को छोड़ सकेंगी। महिलाओं की ड्यूटी के दौरान क्रेच उनके बच्च्चों की देख्भाल करेगा।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली में 50 या इससे अधिक महिला-पुरुष कर्मचारी वाले संस्थान के मालिक को क्रेच की व्यवस्था करनी होगी, जहां काम के दौरान कामकाजी महिलाएं अपने बच्चों को छोड़ सकेंगी। महिलाओं की ड्यूटी के दौरान क्रेच उनके बच्च्चों की देख्भाल करेगा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस बारे में स्पष्ट किया है कि ऐसा न करने वालों पर मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि कामकाजी महिलाओं की समस्या को देखते हुए मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 को और प्रभावी बनाने के लिए अप्रैल 1, 2017 को इस अधिनियम में संशोधन किया गया था। नया अधिनियम मातृत्व लाभ के नाम से बनाया गया है जिसमें यह स्पष्ट और जरूरी प्रविधान किया गया है कि ऐसे संस्थान जहां पर 50 या उससे अधिक कर्मचारी ( महिला/पुरुष) हों, वहां पर उस संस्थान का मालिक अनिवार्य रूप से क्रेच की व्यवस्था करेगा, जहां पर वहां काम करने वाली महिलाओं के बच्चों की देखभाल सुगमता से हो सके और वे निश्चिंत होकर अपना काम कर सकें।
इस सुविधा के लिए संस्थान का मालिक कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने कहा है कि ऐसे संस्थानों को यह अनिवार्य रूप से व्यवस्था करनी होगी और इसे समस्त महिला कर्मचारियों को बताना भी होगा।यह एक कानूनी रूप से अनिवार्य प्रविधान है।
विभाग ने ऐसी कामकाजी महिलाओं से अपील की है कि वे ऐसे संस्थानों में काम कर रही हों तो उन्हें इसकी तुरंत व्यवस्था करने का आग्रह करना चाहिए। इस संदर्भ में सुनवाई नहीं होने पर वे दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग से संपर्क कर सकती हैं। विभाग का Email : dirdfw