Delhi News: दिल्ली के इन इलाकों में जल रही पराली, आने वाले समय में और खराब होगी हवा
ग्रामीण इलाकों में रोज पराली जलाई जा रही है। पराली की आग से जहां पर्यावरण का दम घुट रहा था। वहीं अब पराली के धुएं से लोगों की सांसें फूंलने लगी है। ताजा मामले औचंदी गांव झंगोला बवाना से नांगल ठाकरान गांव आदि इलाकों में सामने आए हैं।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Wed, 09 Nov 2022 04:03 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। सरकार के कई आश्वासन और प्रयास के बावजूद दिल्ली में पराली जलने की घटनाएं नहीं रुक रही है। पराली के जलने से दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ जाता है। हवा के रुख से कभी प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है तो कभी ज्यादा हो जाता है। पराली के धुएं के कारण हर सुबह आसमान में स्माग की परतें दिनों-दिन गहरी होती जा रही हैं। ग्रामीण देहात के खेतों में जलाई जा रही पराली की वजह से विषैले तत्व हवा में तैर रहे हैं। ऐसे में लोगों का सांस लेने मुश्किल हो रहा है। बावजूद इसके दिल्ली में पराली को आग लगाने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
ग्रामीण इलाकों में रोज जल रही पराली
ग्रामीण इलाकों में रोज पराली जलाई जा रही है। पराली की आग से जहां पर्यावरण का दम घुट रहा था। वहीं, अब पराली के धुएं से लोगों की सांसें फूंलने लगी है। ताजा मामले औचंदी गांव, झंगोला, बवाना से नांगल ठाकरान गांव आदि इलाकों में सामने आए हैं। औचंदी गांव के खेतों में औचंदी बार्डर से मुंगेशपुर गांव की ओर चलते समय खेत में पराली जलाई गई। इसी तरह नांगल ठाकरान गांव के खेतों में भी पराली जलाने के मामले सामने आए। झंगोला गांव में भी दोपहर के समय पराली जलाकर हवा में जहर घोला जा रहा था। खेतों में पराली जलाने के कारण आसपास के इलाके में धुआं-ही-धुआं हो गया था। पास से गुजर रहे वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस मामले में संबंधित विभाग के अधिकारी कुछ ज्यादा सतर्क नजर नहीं आ रहे हैं।
इन गांवों में जलाई जा चुकी है पराली
बुराड़ी, टेहड़ी दौलतपुर, तिगीपुर, कादीपुर, गढ़ी खुसरो, फतेहपुर जट, हमीदपुर, बख्तावरपुर, दरियापुर, बवाना, खेड़ा कलां आदि इलाकों में पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं।आने वाले दिनों में बढ़ सकते हैं मामले
दिल्ली के काफी गांवों में धान की फसल काट ली गई है। ऐसे में कुछ खेतों में अभी तक फसल की कटाई नहीं हुई है। काफी ऐसे खेत हैं, जिनमें पराली को नहीं जलाया गया है। लोगों को डर है कि पराली जलाने से आसपास के खेतों में खड़ी धान की फसल भी आग पकड़ सकती है। अनुमान है कि 15 नवंबर के आसपास पराली जलाने के मामले बढ़ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति विकट हो सकती है।
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