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दिल्ली के नियोजित विकास को लगा झटका, एक बार फिर लक्ष्य से चूक सकती मास्टर प्लान 2041 की अधिसूचना

दिल्ली का मास्टर प्लान 2041 फिर से अधिसूचना के लक्ष्य से चूक सकता है। तीन साल से विलंबित और एक साल से अधिक समय से केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए लंबित इस योजना को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। इस देरी से दिल्ली के नियोजित विकास पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई जा रही है। जानिए इस खबर में पूरी डिटेल।

By sanjeev Gupta Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 09 Sep 2024 10:57 PM (IST)
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दिल्ली के लंबित मास्टर प्लान-2041 की अधिसूचना एक और लक्ष्य से चूक सकती है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। तीन साल से विलंबित और एक साल से अधिक समय से केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए लंबित मास्टर प्लान-2041 की अधिसूचना एक और लक्ष्य से चूक सकती है। दिल्ली के नियोजित विकास को यह देरी किस हद तक प्रभावित कर रही है, इसकी चिंता से बेखबर मंत्रालय के स्तर पर अभी भी इसके क्रियान्वित होने की संभावना नहीं लग रही है।

दरअसल, एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों के एजेंडे में इसकी अधिसूचना भी शामिल की गई थी। नौ जून को मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद सभी मंत्रालयों ने इस एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एजेंडे में 'दिल्ली मास्टर प्लान 2041 जारी करना' था, जो अगले 20 साल (2021-2041) की अवधि के लिए राजधानी की शहरी योजना को नियंत्रित करेगा।

अधिसूचना को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं

लेकिन इसकी अधिसूचना को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि मास्टर प्लान अभी भी विचाराधीन है। हालांकि अधिकारियों ने इस देरी के लिए 2023 के अंत और 2024 के मध्य के बीच मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों की लंबे समय तक अनुपस्थिति को जिम्मेदार ठहराया है।

गौरतलब है कि बतौर डीडीए अध्यक्ष एलजी वी के सक्सेना ने मार्च 2023 की शुरुआत में ही इसके ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद 13 अप्रैल को इसे अधिसूचना के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेज दिया गया। डीडीए अधिकारियों का तभी से कहना है कि उनके स्तर पर कुछ लंबित नहीं है, जो करना है, मंत्रालय को ही करना है।

हर पहलू एवं प्रावधानों का पीएमओ के स्तर पर गहन अध्ययन

दूसरी ओर मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि अधिसूचित करने से पूर्व 10 अध्यायों और दो खंडों में विभाजित एमपीडी 2041 का गंभीरता से अध्ययन किया गया है। यमुना में आई बाढ़ के बाद सवालों के घेरे में आए इस प्लान के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श का दायरा और बड़ा हो गया। पीएमओ ने भी इस पर संज्ञान ले लिया। ड्रेनेज सिस्टम, यमुना खादर के ओ जोन-दो में नियमित विकास और इसके डूब क्षेत्र में अतिक्रमण से जुड़े हर पहलू एवं प्रावधानों का पीएमओ के स्तर पर गहन अध्ययन किया गया।

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