Delhi Crime: साइबर ठग गिरोह का चौथा जालसाज मुंबई से गिरफ्तार, धोखाधड़ी के पैसों को लगाता था ठिकाने
Delhi Crime News साइबर ठग गिरोह के चौथे सदस्य को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह ने 21 फरवरी 2024 को एनसीआरपी में ₹18 लाख की साइबर ठगी की थी। आरोपी के पास से तीन मोबाइल फोन पांच सिम और पांच एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। उसके बैंक खातों में 3.28 करोड़ रुपये हैं जिसकी जांच की जा रही है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दक्षिणी जिला पुलिस ने एनसीआरपी पर 21 फरवरी 2024 को दर्ज 18 लाख रुपये की साइबर ठगी मामले में चौथी गिरफ्तारी महाराष्ट्र से की है। आरोपी गिरोह द्वारा ठगे गए पैसों के लिए खातों का प्रबंध करता था। पैसे ट्रांसफर करने के लिए क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) का इस्तेमाल किया जाता।
उसके पास से तीन मोबाइल फोन, पांच सिम और पांच एटीएम कार्ड बरामद हुए। आरोपी के बैंक खातों में 3.28 करोड़ रुपये हैं, जिसकी डिटेल जुटाई जा रही है। वहीं, आरोपी जिन बैंक खातों का इस्तेमाल करता था, एनसीआरपी पर उससे जुड़ी 40 शिकायतें दर्ज हैं।
आरोपी के पास से क्या मिला
पुलिस उप आयुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि दक्षिण पश्चिम जिले की एक टीम ने साइबर ठग गिरोह के जालसाज विक्रम पुरोहित को अंधेरी पश्चिम, मुंबई (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किया है। उसके पास से अपराध में इस्तेमाल किए गए तीन मोबाइल फोन, पांच सिम कार्ड और पांच एटीएम कार्ड बरामद किए गए।
आरोपियों की पहले हुए हुई गिरफ्तारियां
मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है। टीम ने इससे पहले आठ अगस्त को दो जालसाजों मोहम्मद अली और दीपू पी दोनों निवासी हरि नगर, अंजना पुरा, बेंग्लुरू और 29 अगस्त को चेतन नायडू निवासी उमर मेंशन, एमएस अली रोड, ग्रांट ईस्ट रोड, मुंबई को गिरफ्तार कर चुकी है।
ठगी की राशि तीन खातों में जमा कराई
एनसीआरपी पर 21 फरवरी को दर्ज 18 लाख रुपये की साइबर ठगी मामले में पुलिस मनी ट्रेल्स जरिए आरोपियों तक पहुंची। जांच में पता चला कि ठगी की राशि तीन अलग-अलग बैंक खातों में जमा की गई। कुल 18 लाख में चार लाख दीपू पी और मोहम्मद अली के फेडरल बैंक खाते में जमा की गई। दोनों को बेंग्लुरू से गिरफ्तार किया गया।
नौ बैंक खाते खोले
पूछताछ में पता चला कि इन्होंने नौ चालू बैंक खाते खोले थे। इसके अलावा नेक्सस स्टील एंड अलायज से संबंधित इंडसइंड बैंक खाता संख्या- 201025453507, IFSC-INDB0000001 में 10 दस लाख जमा किए गए। बैंक खाते की इंटरनेट बैंकिंग की तकनीकी जांच और आईपी लॉग से एक अन्य आरोपी चेतन नायडू को मुंबई से गिरफ्तार किया गया, जो विक्रम पुरोहित के लिए काम करता था।
चेतन के गिरफ्तार होते ही विक्रम पुरोहित ने अपना मोबाइल बंद कर लिया और देश छोड़कर फरार हो गया। उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया। इस बीच 12 अक्टूबर को भारत लौटते ही उसे मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया।
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विदेश में बैठे जालसाजों के संपर्क में था नायडू
आरोपी चेतन नायडू जालसाजों के संपर्क में है, जो भारत और विदेश से अपना सिंडिकेट चलाते हैं। वह लंबे समय से इन गिरोहों से जुड़ा है। वह पहले भी साइबर ठगी मामले में महाराष्ट्र में गिरफ्तार किया जा चुका है। उसने बताया कि प्रत्येक खाते में लेनदेन के आधार पर उसे कमीशन मिलता है। एक-दूसरे से संपर्क के लिए वे टेलीग्राम एप का इस्तेमाल करते हैं। आरोपी चेतन नायडू से गिरोह से जुड़े अन्य आरोपितों की जानकारी के लिए पूछताछ जारी है।