Delhi Crime: दो साल पहले पहाड़गंज में हुई थी 8 करोड़ के हीरे और जेवर की लूट, पुलिस न अब दबोचा मास्टरमाइंड
Delhi Crime News पहाड़गंज में आठ करोड़ के हीरा सोना-चांदी के जेवरात लूटने के मामले में वांछित मुख्य साजिशकर्ता अजीत सिंह को पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है। करीब एक साल से फरार चल रहे अजीत सिंह को पुलिस ने पालम गांव महावीर एन्क्लेव से गिरफ्तार किया है। लूटे गए सामान में 6.27 किलो सोना 106 हीरे की अंगूठी व 2.9 किलो चांदी के जेवरात के थे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मध्य जिला के पहाड़गंज में आठ करोड़ के हीरा, सोना-चांदी के जेवरात लूटने के मामले में वांछित मुख्य साजिशकर्ता अजीत सिंह को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है। अगस्त 2022 में उक्त जेवरात डिलीवरी करने जाने के दौरान सात आरोपितों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया था।
वारदात में शामिल छह आरोपित को पुलिस पहले गिरफ्तार कर चुकी है। अजीत सिंह वारदात के बाद करीब एक साल से अधिक बाद से फरार था। कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।
हीरे, सोना-चांदी के आभूषण की करनी थी डिलीवरी
डीसीपी अमित गोयल के अनुसार, हरियाणा के अंबाला के रहने वाले सोमवीर की शिकायत पर 31 अगस्त 2022 को अज्ञात के खिलाफ पहाड़गंज थाने में डकैती का मामला दर्ज किया गया था। जय माता दी लॉजिस्टिक्स के लिए काम करने वाले सोमवीर ने शिकायत में बताया था कि जब वह अपने सहयोगी जगदीश सैनी के साथ दिल्ली के एक व्यापारी को सोना, हीरा व चांदी के आभूषण की डिलीवरी करने जा रहे थे। तभी देशबंधु गुप्ता रोड, पहाड़गंज के पास चार लोगों ने उन पर घात लगाकर हमला बोल दिया था।
मिर्च का पाउडर डालकर लूटा
हमलावरों से एक ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। उनकी आंखों में मिर्च पाउडर डाल दिया गया। इसके बाद बदमाश उनके कब्जे से दो बैग और आभूषणों से भरा एक कार्टन लूटकर मौके से भागने में सफल हो हए थे। लूटे गए सामान में 6.27 किलो सोना, 106 हीरे की अंगूठी व 2.9 किलो चांदी के जेवरात के थे।
साजिशकर्ता था पकड़ से दूर
जांच के दौरान, पुलिस ने डकैती में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, जिनमें नजफगढ़ के रहने वाले मनीष कुमार, नागेश कुमार, शिवम, चित्रेश बिष्ट, सचिन मेहरा और परमवीर शामिल थे। इनके ठिकानों से चोरी किए गए आभूषण जब्त किए गए थे। मुख्य साजिशकर्ताओं में से शामिल अजीत सिंह अब तक पकड़ से दूर था।
पुलिस ने इस तरह किया गिरफ्तार
एसीपी रमेश चंदर लांबा व इंस्पेक्टर पंकज मलिक और रोहित कुमार के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला कि लूट में शामिल अजीत सिंह पालम गांव, महावीर एन्क्लेव में किसी से मिलने आने वाला है। वहां से उसे दबोच लिया गया। पकड़े जाने से बचने के लिए उसने फर्जी पहचान पत्र बनवा रखा था।
बार-बार बदल रहा था पचा
कानून के शिकंजे से बचने के लिए वह बार-बार अपने आवासीय पते के साथ-साथ अपना मोबाइल नंबर भी बदल रहा था लेकिन पुलिस के निरंतर और अथक प्रयासों से उसे दबोच लिया गया। अजीत सिंह हरियाणा के झज्जर स्थित गांव सिलानी का रहने वाला है। वर्तमान में वह द्वारका में बस चालक के रूप में काम कर रहा था।
जेवरात लूटने से पहले वह गोपाल नगर, नजफगढ़ में रहता था, जहां उसने अपने भतीजे नागेश कुमार सहित अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ अपराध करने की साजिश रची थी।