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Delhi: फैक्ट्री कर्मियों ने मालिक से मांगी 80 लाख की रंगदारी, नीरज बवाना के नाम से किया था फोन; तीन गिरफ्तार

बाहरी जिले की स्पेशल स्टाफ टीम ने गैंगस्टर नीरज बवाना के नाम से 80 लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान शकूरपुर के कृष्ण मुरारी आरुष कश्यप व विक्रम के रूप में हुई है। आरोपितों के पास से दो मोबाइल और दो सिम कार्ड बरामद किए गए। इन्हीं का इस्तेमाल करके आरोपितों ने रंगदारी मांगी थी।

By Sonu RanaEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 08 Aug 2023 05:44 PM (IST)
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नीरज बवाना के नाम से मांगी 80 लाख की रंगदारी, पुलिस ने तीन आरोपियों को दबोचा।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बाहरी जिले की स्पेशल स्टाफ टीम ने गैंगस्टर नीरज बवाना के नाम से 80 लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान शकूरपुर के कृष्ण मुरारी, आरुष कश्यप व विक्रम के रूप में हुई है।

आरोपितों के पास से दो मोबाइल और दो सिम कार्ड बरामद किए गए। इन्हीं का इस्तेमाल करके आरोपितों ने रंगदारी मांगी थी। रंगदारी के पैसे लेकर आरोपित नेपाल भागने की योजना बना रहे थे। पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।

फैक्ट्री मालिक से मांगी थी रंगदारी

पुलिस अधिकारी ने बताया कि रानी बाग थाना पुलिस को शनिवार को जानकारी मिली थी कि मंगोलपुरी औद्योगिक क्षेत्र में रसायन की फैक्ट्री मालिक से 80 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि शनिवार को उनके पास एक अंजान नंबर से काल आया।

उसने 80 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। आरोपितों ने मैसेज के जरिए भी धमकी दी। पैसे न देने पर शिकायतकर्ता व उसके परिवार की जिंदगी बर्बाद करने की धमकी भी दी। रानी बाग थाना में प्राथमिकी दर्ज कर स्पेशल स्टाफ को मामले की जांच सौंपी।

आरोपितों को पकड़ने के लिए स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई गई।टीम ने मोबाइल नंबर, काल का विश्लेषण किया व आवाज के नमूनों की जांच की। इसके बाद टीम ने काल करने वाले आरोपित और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया।

जांच के दौरान पता लगा कि आरोपित आरुष कश्यप उर्फ बिट्टू चार वर्षों से शिकायतकर्ता की फैक्ट्री में काम कर रहा था। वह फैक्ट्री मालिक का बहुत करीबी है। आरुष कश्यप ने कृष्ण मुरारी और विक्रम के साथ मिलकर यह योजना बनाई।

आरोपित जानते थे कि फैक्ट्री मालिक को डराया जा सकता है और उससे मोटी रकम वसूली जा सकती है। योजना को अंजाम देने के लिए कृष्ण मुरारी ने सिम की व्यवस्था की। आरुष कश्यप ने फैक्ट्री मालिक के बारे में सारी जानकारी प्रदान की और विक्रम ने खुद को नीरज बवाना बताकर फैक्ट्री मालिक को काल किया।

उसने फैक्ट्री मालिक को धमकी दी और 80 लाख की मांग की। रंगदारी के पैसे मिलने के बाद आरोपित नेपाल में बसने व वहां कोई व्यवसाय चलाने की योजना बना रहे थे।

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