दिल्ली-NCR से 200 से ज्यादा वाहनों की चोरी, फिर उत्तराखंड और नॉर्थईस्ट में बेचते; पुलिस ने दबोचे गैंग के दो तस्कर
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये लोग दिल्ली-एनसीआर से वाहन चोरी कर उसे पूर्वी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और गुवाहाटी आदि राज्यों में सस्ती कीमत में बेच देते थे। इनके खिलाफ पहले के 25 से अधिक मामले दर्ज हैं। आरोपी मास्टर से दरवाजा खोलकर फिर सॉफ्टवेयर की मदद से गाड़ियां चुरा लेते थे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये लोग दिल्ली-एनसीआर से वाहन चोरी कर उसे पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुवाहाटी आदि राज्यों में सस्ती कीमत में बेच देते थे। इनके खिलाफ पहले के 25 से अधिक मामले दर्ज हैं।
विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक गिरफ्तार किए गए वाहन चोरों के नाम जसप्रीत सिंह उर्फ खजान सिंह उर्फ जस्सी व कमरुद्दीन उर्फ उस्मान है। जसप्रीत, ऊधम सिंह नगर, उत्तराखंड और कमरुद्दीन, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।
निशानदेही पर पुलिस ने उठाए अगले कदम
इनकी निशानदेही पर दिल्ली, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में छापे मार सात कारें, तीन बाइक और मास्टर चाबियां बरामद की गई। वाहन चोरी के अपराधों का विश्लेषण से पाया गया कि ज्यादातर ऐसी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गईं हैं। उन सभी घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए गए और संदिग्धों पर तकनीकी निगरानी रखी गई।
पुलिस ने गठित की टीम
एएसआई जसबीर और संजय को सूचना मिली कि दो वाहन चोर चोरी की कार से मिलन अपार्टमेंट, आईपी एस्टेट के पास आने वाले हैं। डीसीपी अंकित सिंह, एसीपी पवन कुमार व इंस्पेक्टर वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एसआइ सतवंत सिंह, एएसआइ जसबीर सिंह, संजय, प्रवेश कुमार राठी, हवलदार विपिन कुमार, अनुज कुमार, विनोद और परनाम सिंह की टीम ने सफेद अर्टिगा कार में सवार दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली-एनसीआर में चुराई कई कारें
पूछताछ में दोनों ने बताया कि हाल ही में उन्होंने अपने अन्य सहयोगियों मोहम्मद फैसल, जावेद, आरिफ और दिलशाद के साथ दिल्ली-एनसीआर से 15 से अधिक कारें चुराई हैं और उन कारों को दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों में पार्क किया है।
इलाके की पहले करते थे रेकी
पुलिस का कहना है कि चोरी करने से पहले ये लोग उस क्षेत्र की रेकी करते थे, जहां वाहन बिना किसी सुरक्षा के पार्क किए जाते थे। अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद वे पार्क किए गए चिह्नित वाहनों को तड़के सुबह चोरी करते थे।
साइड का शीशा तोड़कर मास्टर चाबी से खोलते लॉक
वे खिड़की के साइड क्वार्टर ग्लास को तोड़ कर मास्टर चाबी की मदद से लॉक खोलते थे व टैबलेट की मदद से वाहन के सॉफ्टवेयर को डिकोड करने के बाद उसकी एक नई चाबी तैयार कर मूल चाबी की प्रोग्रामिंग को बदल कर कार चुरा लेते थे। चोरी करने के बाद वे लोग वाहनों को दिल्ली की सीमाओं के पार्किंग स्लॉट में पार्क करते थे और आगे इन चोरी के वाहनों को पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुवाहाटी आदि में बेच देते थे।
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इस तरह गिरोह में हुए शामिल
जसप्रीत सिंह पहले ट्रक पर सहायक-क्लीनर के रूप में काम कर रहा था। 2021 में वह अपने दोस्त विशाल के माध्यम से कमरुद्दीन के संपर्क में आया और वाहन चोरी करना शुरू कर दिया। इससे पहले वह पांच आपराधिक मामलों में शामिल पाया गया है। कमरुद्दीन में 2011 में दुबई गया था और वहां ड्राइवर की नौकरी करता था। 2013 में जब वह भारत वापस आया और विशाल से संपर्क किया। आसानी से पैसा कमाने के लिए उसने वाहन चोरी करना शुरू कर दिया।