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20 साल बाद जिंदा हुआ 'मरा' आदमी, उसको सामने देख दिल्ली पुलिस भी हैरान; नौसेना में पूर्व कर्मचारी की जानिए पूरी कहानी

2004 में ही खुद को मरा घोषित कर चुके नौ सेना के कर्मचारी को दिल्ली पुलिस ने 20 साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। उसने शराब के नशे में कुछ छोटी-मोटी बातों पर आरोपी बालेश कुमार ने अपने भाई सुंदर लाल के साथ मिलकर समयपुर बादली ट्रांसपोर्ट नगर में राजेश उर्फ खुशीराम नामक व्यक्ति की हत्या कर शव को दिल्ली के पीएस बवाना इलाके में फेंक दिया।

By Jagran NewsEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Tue, 17 Oct 2023 06:41 PM (IST)
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खुद को मरा घोषित कर चुका नौसेना का कर्मचारी 20 साल बाद गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 2004 में ही खुद को मरा घोषित कर चुके नौ सेना के कर्मचारी को दिल्ली पुलिस ने 20 साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किया गया आरोपी हत्या और चोरी के मामले में वाछित है। आरोपी के खिलाफ बवाना और तिलक मार्ग थाने में हत्या और चोरी का मामला दर्ज है। 

दिल्ली के नजफगढ़ में रहता आरोपी

गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम बालेश कुमार (63) है। वह दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में रह रहा था। जांच में खुलासा हुआ कि एक मई 2004 को आरोपी ने खुद को जोधपुर (राजस्थान) में ट्रक में आग लगा दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत गई, जिनमें से एक की पहचान बालेश कुमार के रूप में हुई।

खुशीराम की बालेश कुमार ने की थी हत्या

जांच से पता चला कि शराब के नशे में कुछ छोटी-मोटी बातों पर आरोपी बालेश कुमार ने अपने भाई सुंदर लाल के साथ मिलकर समयपुर बादली ट्रांसपोर्ट नगर में राजेश उर्फ खुशीराम नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को दिल्ली के पीएस बवाना इलाके में फेंक दिया।

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पत्नी के साथ विवाहेतर संबंध को लेकर हुई बहस

हत्या की घटना वाले दिन आरोपी बालेश कुमार अपने भाई सुंदर लाल और पीड़ित मृतक राजेश उर्फ खुशीराम के साथ शराब पी रहा था। शराब पीने के दौरान, मृतक राजेश की पत्नी के साथ बालेश कुमार के विवाहेतर संबंध और उनके बीच कुछ पैसों के लेन-देन के मुद्दे पर उनके बीच तीखी बहस हुई।

आरोपी बालेश ने बनाई अपनी नई पहचान

पुलिस ने हत्या के मामले में उसके भाई सुंदर लाल को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि साजिश को आगे बढ़ाते हुए अभियुक्त बालेश कुमार की मृत्यु के संबंध में मृत्यु प्रमाणपत्र दाखिल किया गया। जोधपुर के अग्निकांड में खुद को मृत घोषित करने के बाद आरोपी बालेश ने अपनी नई पहचान अमन सिंह के रूप में बनाई।

उसने अपनी फर्जी पहचान यानी अमन एस के नाम पर विभिन्न अधिकारियों से आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान दस्तावेज तैयार करवा लिए।

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