Delhi News: डिजिटल अरेस्ट के बहाने ठगी करने वाले गिरोह की महिला गिरफ्तार, धोखाधड़ी का ये तरीका सुन चौंक जाएंगे आप
दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस (Delhi Police) गाजियाबाद से डिजिटल अरेस्ट के बहाने करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह की महिला को दबोचा है। इस गिरोह के तीन शातिर वांछित हैं। अपराध की झूठी कहानी गढ़कर महिला से नौ लाख रुपये ठगे लिए थे। इन आरोपित महिलाओं ने देशभर में की एक करोड़ से ज्यादा की ठगी की वारदात को अंजाम दिया।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के बहाने करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह की महिला जालसाज को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों से ठगी में प्रयोग दो मोबाइल बरामद किए हैं। आरोपिता ने अपने साथियों के साथ मिलकर वसंत कुंज की एक महिला से लाखों रुपये ठगे थे।
पुलिस उपायुक्त रोहित मीना ने बताया कि महिला जालसाज की पहचान गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित वैभव खंड साया गोल्ड एवेन्यू सोसाइटी निवासी सुधा श्रीवास्तव के रूप में हुई है। यहां से ही वह देशभर के लोगों के साथ ठगी कर रही थी। गिरोह में आरोपिता के तीन और साथी शामिल हैं। उनके बारे में पुलिस को अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। सुधा से उनके ठिकानों के बारे में पूछताछ की गई है, ताकि जल्द से जल्द उनकी गिरफ्तारी की जा सके।
अपराध की झूठी कहानी गढ़कर महिला से ठगे थे नौ लाख
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि सुधा ने अपने साथियों के साथ मिलकर वसंत कुंज में रहने वाली महिला से आठ लाख रुपये ठगे थे। आरोपिता ने पीड़िता के पास काल करके कहा था कि उनके नाम से ताइवान से एक पार्सल वापस आया है। इसके अंदर नशीले पदार्थ सहित अन्य प्रतिबंधित चीजें हैं। पीड़िता ने किसी भी पार्सल को ताइवान भेजने से इन्कार कर दिया। इसके बाद शातिरों ने खुद को मुम्बई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर पीड़िता के पास काल की। फिर जालसाजों ने महिला को केस से बाहर निकालने सहित अन्य बहानों से उनसे नौ लाख रुपये ट्रांसफर करा लिये।ऐसे पकड़ में आई महिला जालसाज
साइबर थाना पुलिस ने महिला की शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू की। उन बैंक खातों के बारे में जानकारी जुटाई गई, जिनमें शातिरों ने पैसे ट्रांसफर कराए थे। यहां पता चला कि खाता महाराष्ट्र के नागपुर के व्यक्ति और दूसरा सुधा के नाम पर है। पुलिस ने संदिग्धों के अलग अलग पते पर कानपुर, लखनऊ और गाजियाबाद में छापेमारी की। तब 52 वर्षीय सुधा को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया। सुधा के दोनों मोबाइल में ठगी से संबंधित डेटा पुलिस को मिला है।
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ऐसे बनाते थे ठगी का शिकार
गिरोह के शातिर अलग अलग लोगों के पास दिनभर काल करते थे। जो उनके झांसे में आ जाता था, उससे लाखों रुपये ठग लेते थे। आरोपित खुद को कस्टम या मुम्बई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर पीड़ितों के पास काल करते थे। फिर उनसे कहते थे कि उनके नास से एक पार्सल आया है। इसके अंदर ड्रग्स, फर्जी पासपोर्ट सहित अन्य प्रतिबंधित सामान है। फिर जालसाज केस से बाहर निकालने या एनओसी, ट्रैकिंग और पुलिस क्लीयरेंस के बहाने पीड़ित से लाखों रुपये ले लेते थे।
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