Delhi Police ने राजस्थान के साइबर ठगों के गैंग का किया भंडाफोड़, शराब की डिलीवरी करने के बहाने कर देते थे अकाउंट खाली
दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गैंग यूट्यूब पर विज्ञापन देकर लोगों को अपने झांसे में फंसाता था जो घर पर शराब की डिलीवरी के बहाने शातिराना तरीके से अकाउंट से रुपये निकाल लेते थे।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गैंग यूट्यूब पर विज्ञापन देकर लोगों को अपने झांसे में फंसाता था, जो घर पर शराब की डिलीवरी के बहाने शातिराना तरीके से अकाउंट से रुपये निकाल लेते थे। गैंग ने दिल्ली पुलिस के एक सेवानिवृत्त एसीपी सहित 200 से अधिक लोगों को उनके घर तक शराब पहुंचाने के बहाने ठगा था।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, पुलिस ने अजहरुद्दीन खान(23) को राजस्थान के भरतपुर जिले से गिरफ्तार किया। जिसके पास से 3 एंड्रॉइड मोबाइल फोन और एक बेसिक कीपैड फोन बरामद किया।
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यूट्यूब पर दिखाते थे शराब की डिलीवरी का एड
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को दिल्ली पुलिस के एक सेवानिवृत्त एसीपी ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से शिकायत की। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी। सेवानिवृत्त एसीपी ने आरोप लगाया कि एक यूट्यूब चैनल देखते समय स्क्रीन पर शराब की होम डिलीवरी के लिए एक फोन नंबर दिखाई दिया।
पीड़ित को भेजते थे क्यूआर और बार कोड
इन्होंने दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल किया। जिसके बाद दूसरी तरफ से क्यूआर कोड, बार कोड और खाता नंबर भेजा। इसके उन्होंने पीड़ित से ओटीपी मांगा। ओटीपी देने के बाद उनके अकाउंट से 78,374 रुपये कट गए। इसके बाद आरोपी ने फोन काट दिया और फिर नंबर बंद हो गया। इसके बाद उन्होंने ओएनडी साइबर थाने में मामला दर्ज कराया।
रिटायर्ड एसीपी को थगने के बाद पुलिस जागी
घटना की गंभीरता को भांपते हुए एक टीम गठित की गई। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि राजस्थान में भरतपुर जिले की कामा तहसील के झेंझपुरी के पास एक गांव से मोबाइल नंबर चालू पाया गया। जांच के लिए एक टीम भरतपुर भेजी गई, जहां आरोपी को पकड़ लिया। आरोपी ने जयपुर के एक नामी कॉलेज से फार्मेसी में डिप्लोमा किया है।
आरोपी गुड़गांव स्थित एक प्रसिद्ध शराब की दुकान जगदीश वाइन एल-1, डिस्कवरी वाइन और लेक फॉरेस्ट के नाम से गूगल विज्ञापनों पर विज्ञापन पोस्ट करता था। यह पिछले साल से एक रैकेट चला रहा था। उसने बताया कि एनसीआर में उसने कई लोगों को ठगा है।
ऐसे करते थे काम
आरोपित ने बताया कि उनके द्वारा पोस्ट किया गया गूगल विज्ञापन यूट्यूब पर भी चलता था। यूट्यूब देखते समय स्क्रीन पर शराब की होम डिलीवरी के विज्ञापनों के साथ कई धोखाधड़ी वाले मैसेज फ्लैश किए जाते थे। एक बार पीड़ित ने नंबर डायल किया तो उसके खाते से क्यूआर कोड, बार कोड और ओटीपी के जरिए पीड़ित का सारा पैसा डेबिट हो जाता था। पीड़ित को ठगने के बाद नंबर ब्लॉक कर देते थे।