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नादिर शाह की हत्या का क्या था मकसद? 13 दिन बाद भी उलझन में दिल्ली पुलिस; लॉरेंस बिश्नोई को सुपारी देने का शक

नादिर शाह हत्याकांड में स्पेशल सेल अभी तक अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। हत्या के पीछे कई गैंगस्टरों के नाम आने से जांच में उलझन है। पुलिस को शक है कि हत्या रंगदारी वसूली में नहीं बल्कि काले धंधों की व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता में कराई गई। कुणाल छाबड़ा और अनूप जुनेजा नाम के दो हिस्ट्रीशीटर पर शक है जिनकी दिल्ली पुलिस में गहरी पैठ रही है।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 26 Sep 2024 07:58 AM (IST)
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छाबड़ा और जुनेजा पर नादिर की हत्या कराने के लिए सुपारी देने का शक है। फाइल फोटो

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। राजधानी के पाश इलाके ग्रेटर कैलाश-वन में जिम मालिक नादिर शाह की सरेआम हत्या के मामले में 13 दिन बाद भी स्पेशल सेल अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है कि आखिर हत्या का असल मकसद क्या था और किसने हत्या कराई? हत्या के पीछे कई गैंगस्टरों के नाम आने से स्पेशल सेल उलझन में पड़ गई है।

IPS की मेहरबानी से फलता-फूलता रहा काला धंधा

स्पेशल सेल को यह भी शक है कि नादिर की हत्या रंगदारी वसूली में नहीं बल्कि काले धंधों की व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता में कराई गई। कुणाल छाबड़ा व अनूप जुनेजा नाम के जिन दो हिस्ट्रीशीटर पर पुलिस को शक है, उनकी दिल्ली पुलिस में गहरी पैठ रही है। कुछ वर्ष पहले तक दिल्ली पुलिस में तैनात कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की मेहरबानी से दोनों का काला धंधा एनसीआर में फलता-फूलता रहा।

किसी ने विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जा दिलवाने व काल सेंटर चलवाने आदि अवैध धंधे में दोनों की मदद की तो कुछ ने इन्हें सरकारी पीएसओ तक मुहैया कराया। अपराधियों की रात की रंगीन पार्टियों में भी आईपीएस व पुलिस वाले शरीक होते थे।

देश छोड़ दुबई को बना लिया ठिकाना

पुलिस व अपराधी गठजोड़ के कारण ही एनसीआर में कुछ समय पहले तक इनका खूब दबदबा रहा, लेकिन चहेते अधिकारियों के तबादले या कइयों के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद जब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू किया तब दोनों ने देश छोड़ दुबई को ठिकाना बना लिया।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर स्पेशल सेल प्रमोद सिंह कुशवाहा का कहना है कि दोनों के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले हैं। शक के आधार पर अभी पूछताछ व जांच की जा रही है। कुणाल छाबड़ा से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पूछताछ की गई है।

गैंगस्टर हाशिम बाबा से हो रही पूछताछ

अनूप जुनेजा से पुलिस अभी संपर्क नहीं कर पाई है। यमुनापार के गैंगस्टर हाशिम बाबा को मंडोली जेल से पूछताछ के लिए सात दिन के रिमांड पर ले लिया गया है। इससे पूछताछ के बाद साबरमती जेल से लॉरेंस को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।

कुशवाहा का कहना है कि लॉरेंस से ही नादिर हत्याकांड का पूरा सच सामने आ पाएगा। स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस के डीसीपी मनीषी चंद्रा व प्रतीक्षा गोदारा की टीम जांच में जुटी है। इन्हें उस आईपीएस के बारे में भी पता लगाने के लिए कहा गया है जिनसे इन बदमाशों की नजदीकी है।

इन काले धंधों में शामिल है अनूप जुनेजा और कुणाल छाबड़ा

स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अनूप जुनेजा व कुणाल छाबड़ा का दिल्ली में अवैध काल सेंटर, विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जा, हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट, ड्रग्स, सट्टा व दुबई से सोने तस्करी आदि धंधा था। बाद में नादिर ने भी इनसे जुड़कर धंधे को देखना शुरू कर दिया और आगे चलकर बिजनेस पार्टनर भी बन गया।

बताया जाता है कि समय ढलने व पुलिस का दबाव बढ़ने पर जब छाबड़ा व जुनेजा दुबई भाग गए तब नादिर मर्जी का मालिक बन धंधा चलाने लगा। उसकी दक्षिण जिले के गैंगस्टर रवि गंगवार व रोहित चौधरी आदि कई गैंगस्टरों से नजदीकी हो गई, जिससे यह कुणाल व जुनेजा को खटकने लगा।

दोनों के दुबई में हैं कई होटल और बार

बताया जाता है कि नादिर, छाबड़ा व जुनेजा के साझेदारी में दुबई में कई होटल व बार हैं। ऐसा हो सकता है कि बिजनेस को लेकर विवाद होने पर ही लॉरेंस को नादिर शाह की हत्या की सुपारी दी गई, जिस पर हाशिम ने जेल से बाहर अपने पुराने गुरु साबिर पहलवान और अनवर चाचा के जरिये शूटरों का बंदोबस्त किया।

उधर, राजस्थान के गैंगस्टर रोहित गोदारा की भी मदद ली। नादिर की हत्या में शामिल हाशिम के दो गुर्गे मधुर व राजू को पुलिस अब तक नहीं पकड़ पाई है।

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