Delhi Constable Death: अधमरा होने तक सिपाही को कुचलता रहा धर्मेंद्र, मारने से पहले बोले आरोपी- तेरी औकात क्या है
तेज आवाज में उकसाते हुए चालक की बगल वाली सीट पर बैठे रजनीश ने भंडरे से कहा कि भाई आज इस संदीप बीट वाले पर कार चढ़ाकर खत्म कर दें। सार्वजनिक स्थान पर वैगनआर कार में शराब पीने से रोकने पर धर्मेंद्र ने सिपाही को उसके मामलों में ज्यादा हस्तक्षेप करने की बात कहते हुए तेरी औकात क्या है जैसे शब्दों का प्रयोग किया था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बाहरी दिल्ली के नांगलोई में सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने से रोकने पर वैगनआर कार सवार द्वारा नांगलोई थाने के सिपाही संदीप मलिक को कुचलकर मार डालने के मामले में कई खौफनाक बातें सामने आई हैं। कार चालक धर्मेंद्र उर्फ भंडरे अपने साथी के उकसाने पर मरणासन्न होने तक सिपाही को कुचलता रहा।
तेज आवाज में उकसाते हुए रजनीश (गिरफ्तार) ने कहा था, भाई भंडरे आज इस संदीप बीट वाले पर कार चढ़ाकर खत्म कर दें। उसके बोलते ही गुस्से में आकर धर्मेंद्र ने कार की रफ्तार बढ़ा सिपाही की बाइक को पीछे से टक्कर मार दी।
दूसरी कार में फंसने पर भी नहीं रोकी कार
टक्कर लगते ही सिपाही बाइक लेकर नीचे गिर गए। इसके बाद भी धर्मेंद्र ने कार नहीं रोकी और सिपाही को सड़क पर घसीटते हुए काफी दूर तक ले गया। संदीप जब आगे खड़ी एक दूसरी कार में जाकर फंस गए, इसके बाद भी उसने कार नहीं रोकी और स्पीड बढ़ाकर उनको टक्कर मारता रहा।दो कारों के बीच में फंसे थे संदीप
लहूलुहान होकर संदीप दो कारों के बीच फंस गए। इस दौरान बाइक से पीछे से आ रहे उनके दो साथी सिपाही जब वहां पहुंचे तब धर्मेंद्र कार को स्टार्ट छोड़ उतर कर मौके से भाग गया। दोनों पुलिसकर्मियों ने कार में चालक के बगल वाली सीट पर बैठे धर्मेंद्र के साथी रजनीश को दबोच लिया।
साथ में रहने वाले सिपाही ने दर्ज कराई एफआईआर
सिपाही खुशीराम की शिकायत पर नांगलोई थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। शिकायत में उन्होंने कहा है कि वह वीना एन्क्लेव, नांगलोई में सिपाही संदीप व सिपाही सचिन के साथ रहते हैं। वह मूलरूप से अलवर राजस्थान के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती रणहोला थाने में है।इससे पहले सात माह तक उनकी तैनाती नांगलोई थाने में थी। नांगलोई में रहने के दौरान जब वह बीट नंबर चार वीना एन्क्लेव में बीट ऑफिसर थे तभी उन्होंने संदीप व सचिन के साथ किराए पर घर लिया था। सचिन की तैनाती भी रणहोला थाने में थी।
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