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Delhi Crime: दिल्ली, मुंबई और पुणे से वाहन चोरी, क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किए अंतरराज्यीय गैंग के तीन चोर

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तीन कुख्यात वाहन चोर को गिरफ्तार कर पुणे के एक अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपित पहले दुर्घटना-ग्रस्त कारों को मूल कागजात के साथ खरीद लेते थे। इसके बाद वे दिल्ली के वाहन चोर स्मार्टी से उसी मॉडल की चोरी की गई कारों को खरीदते फिर उसे पुणे ले जाते थे।

By Rakesh Kumar SinghEdited By: GeetarjunUpdated: Sat, 25 Nov 2023 06:47 PM (IST)
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दिल्ली, मुंबई और पुणे से वाहन चोरी, क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किए अंतरराज्यीय गैंग के तीन चोर

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तीन कुख्यात वाहन चोर को गिरफ्तार कर पुणे के एक अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपित पहले दुर्घटना-ग्रस्त कारों को मूल कागजात के साथ खरीद लेते थे।

इसके बाद वे दिल्ली के वाहन चोर स्मार्टी से उसी मॉडल की चोरी की गई कारों को खरीदते, फिर उसे पुणे ले जाते थे और वहां चोरी की गई कारों पर दुर्घटना-ग्रस्त कार के चेसिस व इंजन नंबर अंकित कर उसे बेच देते थे। कुछ कारों को नष्ट करके उसके पुर्जों को बाजार में बेच देते थे।

विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव के अनुसार, गिरफ्तार किए गए चोरों के नाम मंजीत सिंह, मुनीर खान और अब्दुल रहीम है। तीनों हांडीवाड़ी रोड, हड़पासर, कोंडवा, पुणे (महाराष्ट्र) के रहने वाले हैं। इनकी निशानदेही पर चोरी की नौ कारें, पांच चाबियां व अपराध करने में इस्तेमाल किए गए उपकरण बरामद किए गए हैं।

12 अक्टूबर को एक कीआ सेल्टोस कार की चोरी की थाना प्रसाद नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। उक्त मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपी गई थी। अपराध शाखा ने सीसीटीवी फुटेज व तकनीकी जांच कर गिरोह के बारे में पता लगा लिया।

इसी दौरान एएसआई शैलेंद्र को सूचना मिली कि प्रसाद नगर इलाके में कार चोरी में शामिल वाहन चोर उक्त चोरी की कारों को बेचने सुभाष नगर आने वाले हैं। डीसीपी अमित गोयल, एसीपी रमेश लांबा व इंस्पेक्टर कमल कुमार के नेतृत्व में एसआई गौरव कुमार, एएसआई गुलाब सिंह, जफरुद्दीन, राकेश कुमार, हवलदार शक्ति सिंह, रामकेश, सुरेंद्र, वरुण कुमार और सिपाही नवीन कुमार की टीम ने तीनों को दबोच लिया।

पूछताछ में अब्दुल रहीम ने बताया कि वह 15 दिन पहले अपने सहयोगियों मंजीत सिंह और मुनीर खान के निर्देश पर चोरी की कीआ सेल्टोस कार की डिलीवरी वाहन चोर स्मार्टी से ली थी, जो प्रसाद नगर से चोरी की पाई गई। आरोपितों ने चोरी की कर को आगे ठिकाने लगाने के लिए पुणे भेज दिया था। अब्दुल रहीम की निशानदेही पर एक सफेद रंग की क्रेटा कार बरामद की गयी जो कीर्ति नगर से चोरी की पाई गई।

आगे की पूछताछ में पता चला कि सभी आरोपित पुणे, महाराष्ट्र में पुराने स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाते हैं। मंजीत सिंह पहले दिल्ली में वाहन चोरी के मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है। जेल में वह वाहन चोर स्मार्टी के संपर्क में आया था। करीब एक माह पहले अब्दुल रहीम को अपराध शाखा, पुणे की टीम ने पकड़ा था और उसकी निशानदेही पर चोरी की तीन कारें बरामद की गई थीं।

मंजीत सिंह और मुनीर खान ने चोरी की कारों को स्मार्टी से खरीदा और अब्दुल रहीम चोरी की कारों को पुणे, महाराष्ट्र ले जाकर खुले बाजार में बेचता था। स्मार्टी के साथ अब्दुल रहीम भी वाहन चोरी के मामलों में संलिप्त था।

अब्दुल ने बताया कि पिछले डेढ़ वर्षों में इन्होंने स्मार्टी से 25 से अधिक चोरी की कारें खरीदी हैं। कुछ कारों को खुले बाजार में बेच दिया गया और कुछ चोरी की कारों को ठिकाने लगाने के लिए पुणे में रखा गया है। तीनों की निशानदेही पर फर्जी नंबर प्लेट वाली छह चोरी की कारें और बरामद की गईं।

मंजीत सिंह पहले अपने परिवार के साथ विकासपुरी में रहता था। उसकी दुकान मायापुरी में थी, जहां वह वाहन चोरों के संपर्क में आया और आसानी से पैसा कमाने के लिए अपराध की दुनिया में शामिल हो गया। 2013 में इसके खिलाफ पहला मामला दर्ज हुआ था। जेल से छूटने के बाद वह 2015 में पुणे शिफ्ट हो गया, जहां उसने पुराने स्पेयर मोटर पार्ट्स की दुकान खोल ली और इसी की आड़ में वह स्मार्टी से चोरी की कार खरीदता था और उक्त कारों को आगे खरीद दारों को बेच देता था।

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