मुख्य सचिव मामलाः AAP विधायकों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज, बढ़ रही है केजरीवाल की मुश्किल
बताया जा रहा है कि कैमरे के साथ छेड़छाड़ होने की पुष्टि होती है तब सरकार के लिए यह भारी पड़ सकता है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मुख्य सचिव से मारपीट मामले में पुलिस की छह टीमें फरार आरोपित विधायकों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन वे हत्थे नहीं चढ़ रहे हैं। अब तक दो विधायकों को ही पुलिस गिरफ्तार कर सकी है।
घटना वाली रात बैठक में मौजूद अन्य नौ विधायकों में आंबेडकर नगर से विधायक अजय दत्त व लक्ष्मी नगर से विधायक नितिन त्यागी के खिलाफ भी पुलिस को सुबूत मिले हैं। अन्य विधायकों के खिलाफ पुलिस सुबूत जुटा रही है।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि जिन विधायकों के खिलाफ सुबूत मिलते जाएंगे उनकी गिरफ्तारी होती जाएगी। बीते सोमवार की आधी रात केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन के द्वारा बार-बार मुख्य सचिव को फोन करवाकर जिस तरह से उन्हें केजरीवाल के आवास पर बुलाया गया उससे साफ पता चलता है कि घटना को साजिश के तहत अंजाम दिया गया है।
पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि घटना से कितने समय पहले विधायकों को वहां बुलाया गया था। यह मामला सरकार के लिए गले की फांस बन गया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि अब उनकी नजर डीवीआर की रिपोर्ट पर है। फॉरेंसिक लैब को जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है।
संभवत: सोमवार या मंगलवार को रिपोर्ट मिल जाएगी। तभी पता चलेगा कि मुख्यमंत्री आवास में लगे सीसीटीवी कैमरे के समय को 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे क्यों किया गया? पुलिस ने शुक्रवार को केजरीवाल के आवास में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की थी।
बताया जा रहा है कि जांच में 14 कैमरे ठीक थे, जबकि 7 बंद पाए गए थे। पुलिस का कहना है कि अगर घटना के कारण ही कैमरे के साथ छेड़छाड़ होने की पुष्टि होती है तब सरकार के लिए यह भारी पड़ सकता है।
उधर, अरविंद केजरीवाल के आवास में मारपीट से आहत मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने दिल्ली सरकार के साथ काम नहीं करने की ईच्छा जताई है। इस हालात में अगर वह यहां से जाते हैं तो इसका सीधा असर दिल्ली सरकार के कामकाज पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री आवास में मुख्य सचिव के साथ जिस तरह से आप के विधायकों ने अपमानित किया और थप्पड़ मारा, उससे पूरी नौकरशाही खफा है। ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या कोई अफसर केजरीवाल के साथ काम करने को राजी हाेता है।
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