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Delhi: शादी न करने पर की थी मोनिका की हत्या, दो साल बाद मिले कंकाल से खुलेंगे राज; जानिए क्या है पूरा मामला

दिल्ली पुलिस की पूर्व महिला सिपाही मोनिका की हत्या के राज अब जल्द खुलेंगे। पुलिस ने आरोपी सुरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। वह भी मोनिका का सहकर्मी थी। आरोपी युवती पर शादी के लिए दवाब बना रहा था जिसका वह विरोध कर रही थी और उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव को नाले में फेंक दिया था और उसके ऊपर पत्थर बांध दिया था।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 02 Oct 2023 04:30 PM (IST)
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शादी न करने पर की थी मोनिका की हत्या, दो साल बाद मिले कंकाल से खुलेंगे राज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की पूर्व महिला सिपाही मोनिका की हत्या के राज अब जल्द खुलेंगे। पुलिस ने आरोपी सुरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। वह भी मोनिका का सहकर्मी थी। आरोपी युवती पर शादी के लिए दवाब बना रहा था, जिसका वह विरोध कर रही थी और उसकी हत्या कर दी।

इसके बाद उसने शव को नाले में फेंक दिया था और उसके ऊपर पत्थर बांध दिया था। जिससे शव नाले में ही डूबा रहे। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर कंकाल बरामद कर लिया है। कंकाल का मिलान मोनिका के स्वजनों के डीएनए से किया जाएगा।

कंकाल पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा

यह पूरी घटना दो वर्ष पहले सितंबर, 2021 में हुई थी। पुलिस ने कंकाल को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, जिससे यह पता चल पाएगा कि आरोपी ने महिला को किस तरह मारा था। आरोपी को दिल्ली पुलिस ने सस्पेंड कर दिया है। उसकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

2018 में हुई थी मुलाकात

वर्ष 2018 में पीसीआर यूनिट में नौकरी के दौरान सुरेंद्र और मोनिका की मुलाकात हुई थी। दोस्ती हुई और फिर प्रेम करने लगे। हवलदार ने मोनिका से अविवाहित होने का झूठ बोला था। हवलदार ने शादी करने के लिए मोनिका पर दवाब बना रहा था, लेकिन वह राजी नहीं थी। जिस पर हवलदार ने सितंबर 2021 में मोनिका को अगवा करने के बाद उसकी हत्या कर दी। उसके शव में पत्थर बांधकर बुराड़ी पुश्ता के पास नाले में डुबा दिया गया।

विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक गिरफ्तार हवलदार सुरेंद्र सिंह अलीपुर का रहने वाला है। वर्तमान में उसकी तैनाती पीसीआर यूनिट में है। वर्ष 2012 में वह बतौर ड्राइवर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था।

अपराध में सुरेंद्र की उसके बहनोई ने भी की मदद

हत्या के बाद अपराध को छिपाने के लिए हवलदार की मदद करने वाले बहनोई रविन और फर्जी दस्तावेजों पर सिमकार्ड मुहैया कराने वाले डीलर राजपाल को भी क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है।

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बहनोई स्वजनों को फोन करके करता था गुमराह

हवलदार सुरेंद्र सिंह अपने बहनोई रविन के जरिये मोनिका के बुलंदशहर निवासी स्वजन को फोन करवाकर दिलासा देता रहा कि वह अपनी मर्जी से गई है। पुरुष मित्र के साथ खुशी से रह रही है। उसे ढूंढने की जरूरत नहीं है। इधर, खुद सुरेंद्र केस की तफ्तीश की जानकारी करने के लिए मोनिका के स्वजन के साथ तो कभी अकले मुखर्जी नगर थाने जाता रहा, ताकि पुलिस उस पर शक न करे।

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इनपुट- जागरण संवाददाता।