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IGI एयरपोर्ट से दबोचा गया मास्टरमाइंड, ऐसे बनवाता था फर्जी वीजा; छड़ी के सहारे चलता है शातिर

Delhi Crime News फर्जी वीजा बनाने वाले रैकेट का मास्टरमाइंड पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। पुलिस ने उसे आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में पता चला कि शातिर आरोपी जयदीप सिंह लकवाग्रस्त है और छड़ी के सहारे चलता चलता है। जब किसी से मिलने जाता था तो कैब बुक करता था। आगे विस्तार से जानिए शातिर के बारे में।

By Sonu Rana Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 14 Nov 2024 03:20 PM (IST)
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फर्जी वीजा बनाने वाले रैकेट का मास्टरमाइंड गिरफ्तार। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में फर्जी वीजा बनाने वाले रैकेट के मास्टरमाइंड व फर्जी वीजा की फैक्ट्री बनाने में मदद करने वाले आरोपित को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

आरोपित की पहचान संत नगर एक्सटेंशन के जयदीप सिंह के रूप में हुई है। आरोपित पुलिस से बचने के लिए काफी दिन से अपने फोन को फेंककर अपने रिश्तेदार के पास छिपकर रह रहा था। आरोपित के कई साथियों को पुलिस पहले ही पकड़ चुकी थी।

आईजीआई एयरपोर्ट दबोचा गया आरोपी

पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो सितंबर को आईजीआई एयरपोर्ट पर संदीप नामक युवक को फर्जी वीजा के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसने बताया था कि एजेंट आशिफ अली ने अपने सहयोगी नवीन राणा और शिव गौतम व अन्य सहयोगियों की मदद से उसकी रोम की यात्रा के लिए टिकट और स्वीडिश वीजा की व्यवस्था की थी। शिव गौतम को जब पकड़ा तो उसने एजेंट बलबीर सिंह के बारे में बताया था।

बलबीर सिंह की निशानदेही पर जसविंदर सिंह को पकड़ा गया था। उसने बताया था कि नकली वीजा मनोज मोंगा द्वारा तैयार किया गया था। इसके बाद तिलक नगर इलाके में फर्जी वीजा बनाने की फैक्ट्री चलाने वाले मनोज मोंगा को भी पकड़ लिया था।

फर्जी वीजा बनाने वाली फैक्ट्री की करता था मदद 

मनोज मोंगा ने बताया था कि करीब चार वर्ष पहले वह जयदीप सिंह के संपर्क में आया था। उसने उसे फर्जी वीजा बनाने के लिए राजी किया था। उसने मनोज की फर्जी वीजा बनाने वाली फैक्ट्री बनाने में मदद की थी।

मनोज की निशानदेही पर जयदीप सिंह को पकड़ने के लिए कई जगह छापेमारी की गई, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया।गुप्त सूचना के आधार पर जयदीप को संत नगर एक्सटेंशन से गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तारी से बचने के लिए चल रहा था फरार

लगातार पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठग रहा था।इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड जयदीप सिंह ही है। वह तिलक नगर में फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद से ही अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहा था।

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बताया गया कि उसने अपने सभी मोबाइल फेंक दिए थे और परिवार के सदस्यों से बात नहीं कर रहा था। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में अपने एक दूर के रिश्तेदार के घर में छिपा हुआ था।

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पुलिस के अनुसार, जयदीप सिंह लकवाग्रस्त है और छड़ी के सहारे चलता है, लेकिन अपनी शारीरिक स्थिति के बावजूद वह फर्जी वीजा का रैकेट चला रहा था और अपने सभी सहयोगियों की गतिविधियों को फोन पर नियंत्रित कर रहा था। जब भी जरूरत पड़ती थी तो वह कैब बुक करके लोगों से मिलने के लिए जाता था। पुलिस उसके और साथियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

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