नया कानून लागू पर दिल्ली पुलिस ने पीछे खींचे हाथ, रेहड़ी वाले के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट रद्द; वजह भी आई सामने
राजधानी दिल्ली में नए कानून के तहत दर्ज पहली रिपोर्ट को पुलिस ने रद्द कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने रेहड़ी वाले के खिलाफ पहली रिपोर्ट दर्ज की थी। आखिर रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने अपने हाथ पीछे क्यों खींच लिए हैं। इसकी बड़ी वजह भी सामने आई है। साथ ही यह भी जानिए कि पुलिस ने रेहड़ी वाले के खिलाफ रिपोर्ट क्यों दर्ज की थी?
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद आधी रात को दर्ज की गई राजधानी दिल्ली की पहली एफआईआर विवाद की भेंट चढ़ने के बाद बिना अंजाम को पहुंचे रद्द कर दी गई।
एक जुलाई 2024 को नया कानून लागू होते ही एक रेहड़ी वाले के खिलाफ मध्य जिला के कमला मार्केट थाने में भारत न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 285 के तहत दर्ज किए गए पहले केस पर पुलिस ने कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर एफआईआर रद्द करने की सूचना दी।
रेहड़ी वाले खिलाफ दर्ज की थी रिपोर्ट
आम रास्ते को बाधित करने के आरोप में दर्ज पहली एफआईआर को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा एक्स पर गरीब रेहड़ी वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का मुद्दा उठाने के बाद विवाद गहराता देख दिल्ली पुलिस ने अपने कदम पीछे खींच लिए।यह भी पढ़ें- राहुल गांधी के हिंदू वाले बयान पर मचा घमासान, सड़कों पर उतरे बीजेपी नेता; आज इन जगहों पर जोरदार प्रदर्शन करेंगे कार्यकर्ता
दर्ज रिपोर्ट को लेकर मंत्री अमित शाह ने कही यह बात
वहीं, सोमवार को गृह मंत्रालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान जब गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में रेहड़ी वाले के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज होने पर सवाल उठने के बाबत सवाल किए गए तो उन्होंने यह एफआईआर रद्द कर दिए जाने का आश्वासन दिया।यह भी पढ़ें- New Criminal Laws: हवा हुईं दफा 302 और 420; हत्या, दुष्कर्म और लूट-डकैती के लिए अब लगेंगी कौन-सी धाराएं?
उन्होंने बताया कि पुलिस की यह रूटीन प्रक्रिया है। समीक्षा करने के बाद दिल्ली पुलिस ने इसे रद्द कर दिया है। गृह मंत्री ने बताया कि इस तरह के मामलों को खारिज करने का अधिकार पहले से दिल्ली पुलिस के पास है।मध्य जिला पुलिस के आला अधिकारी का कहना है कि संयोग था कि नया कानून लागू होते ही रेहड़ी वाले के खिलाफ ही पहली एफआईआर दर्ज की गई। विवाद होते देख गृह मंत्रालय के निर्देश पर एफआईआर रद्द कर दी गई है।
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