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Wrestlers Protest: पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दर्ज की FIR, दंगे सहित जोड़ी गईं ये धाराएं

Wrestlers Protest दिल्ली पुलिस ने बाराखंबा थाने में प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन पर कई धाराएं लगाई गई हैं। उनके खिलाफ दंगे की धारा भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने 28 मई को 36 दिन बाद पहलवानों का धरना समाप्त करा दिया।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 29 May 2023 12:22 AM (IST)
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पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दर्ज की FIR, दंगे सहित जोड़ी गई ये धाराएं
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जंतर मंतर पर उपद्रव करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने बजरंग पूनिया, साक्षी मालिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट समेत आयोजकों और जंतर मंतर से हिरासत में लिए गए सभी 109 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

इनके खिलाफ दंगा करने की विभिन्न धाराओं, लोक सेवक के वैधानिक काम में बाधा उत्पन्न करने, लोक सेवक के वैधानिक आदेश की अवहेलना करने, लोक सेवकों के साथ मारपीट करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

इन धाराओं में कुछ जमानती और कुछ गैर जमानती है। लेकिन इन धाराओं के तहत अधिकतम सात साल से कम सजा का प्रावधान है। इसलिए कानूनन पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। पहलवानों को केस से जूझने में करीब दस साल लग सकते है।

पहलवानों ने 28 मई को संसद भवन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करने के दौरान संसद के पास महिला महापंचायत लगाने की घोषणा की थी। पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसी को लेकर पहलवानों ने जंतर मंतर से संसद भवन की ओर कूच किया।

पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। इसी दौरान पुलिस की उनसे झड़प हो गई। पुलिस ने जंतर मंतर से 109 महिला व पुरुष पहलवान समेत उनके समर्थकों को हिरासत में लिया। पूरी दिल्ली से करीब 800 समर्थकों को हिरासत में लिया गया।

देर शाम पहले सभी महिला पहलवानों को छोड़ दिया गया, उसके बाद अन्य को भी छोड़ दिया गया। सभी को सख्त हिदायत दी गई कि वे दोबारा जंतर-मंतर पर धरना नहीं देंगे।

जमकर हुई हाथापाई, कई पुलिसकर्मी घायल

हिरासत में लेने के दौरान पहलवानों व उनके समर्थकों की पुलिसकर्मियों से जमकर हाथापाई व झड़प हुई। घटना में करीब दस पुलिसकर्मियों को चोटें आई, जिनमें चार महिला कर्मी शामिल हैं। सभी को उपचार के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे वहां उपचाराधीन हैं।

पुलिस हिरासत से छोड़े जाने के बाद देर शाम साक्षी मलिक ने ट्विट कर कहा कि उनका आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। वे लोग दोबारा जंतर मंतर पर पहुंचकर सत्याग्रह जारी रखेंगे। उक्त ट्विट के बाद पुलिसकर्मियों ने जंतर-मंतर पर सुरक्षा बढ़ा दी है। वहां अभी लंबे समय तक पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी।

नई दिल्ली जिले के डीसीपी प्रणव तायल का कहना है कि पहलवानों को किसी भी सूरत पर जंतर-मंतर पर धरने पर नहीं बैठने दिया जाएगा। अगर कोई दोबारा वहां आने की कोशिश करेगा तो उसे हिरासत में ले लिया जाएगा। बार-बार कानून हाथ में लेने पर उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है।

36 दिन बाद हटे पहलवान

करीब एक माह से अधिक समय (36 दिन) से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को रविवार को कानून हाथ में लेने पर वहां से खाली करा दिया गया। करीब 109 की संख्या में पहलवानों व उनके समर्थकों को हिरासत में लेकर पुलिस ने उन्हें अलग-अलग समूहों में अलग-अलग थानों में रखा।

शाम साढ़े सात बजे फोगाट बहनों कालकाजी थाने से छोड़ दिया। विनेश फोगाट और संगीता फोगाट के साथ पुलिस ने साक्षी मलिक को छोड़ा था। वहीं, पहलवान बजरंग पुनिया समेत कुल 4 लोग अभी थाने के अंदर हिरासत में है।

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