Delhi Riots: CAA-NRC के खिलाफ शाहीन बाग का आंदोलन दादी-नानी का नहीं बल्कि शरजील इमाम का आयोजन था- दिल्ली पुलिस
Delhi Police on Shaheen Protest दिल्ली दंगा मामले से जुड़ी विभिन्न अपील याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखा। पुलिस ने कहा कि CAA व NRC के विरोध में शाहीन बाग में आयोजित हुआ विरोध-प्रदर्शन कभी भी दादी-नानी का विरोध नहीं था।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली दंगा (Delhi Riots) मामले से जुड़ी विभिन्न अपील याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में अपना पक्ष रखा। पुलिस ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) व राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (NRC) के विरोध में शाहीन बाग में आयोजित किया गया विरोध-प्रदर्शन कभी भी दादी-नानी का विरोध नहीं था।
इस विरोध-प्रदर्शन की योजना और आयोजन जेएनयू छात्र शरजील इमाम (JNU Student Sharjil Imam) ने विभिन्न स्त्रोतों से संसाधन लगाकर किया था। इतना ही नहीं प्रदर्शन स्थल पर कलाकारों और संगीतकारों को बुलाया गया था, ताकि लोगों को व्यस्त रखा जा सके।
'सार्वजनिक बैठक में संविधान की बात, निजी बैठकों में कुछ और होती है चर्चा'
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ के समक्ष दिल्ली पुलिस के विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने शरजील इमाम के भाषण पर कहा कि पूरे भाषण का सार यह है कि देश में सुरक्षा की भावना नहीं बची है। जब सार्वजनिक बैठक होती है तो ये संविधान की बात करते हैं, लेकिन निजी बैठकों में कुछ और ही चर्चा होती है।
शरजील इमाम को लेकर पुलिस ने कोर्ट में और क्या कहा?
प्रसाद ने कहा कि हमने अदालत में पेश किया है कि कौन किस साइट पर था और कौन-किसे नियंत्रित कर रहा था। शरजील जो कुछ भी बाहर कर रहा था, वह उसके वाट्सएप चैट में दिखाई देता है। पीठ ने अभियोजन पक्ष के तर्क को सुनने के बाद सुनवाई आठ अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
दिल्ली दंगा मामले में साजिश रचने समेत अन्य गंभीर धाराओं के तहत आरोपित बनाए गए जेएनयू छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, अब्दुल खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान ने जमानत देने से इन्कार करने के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती दी है। वहीं, निचली अदालत द्वारा कांग्रेस पूर्व पार्षद इशरत जहां को मिली जमानत के खिलाफ पुलिस की अपील याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है।