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CBI छापों के बाद दिल्ली पुलिस ने थानों की बढ़ाई निगरानी, थाना आने वालों के लिए बनाया नया नियम

Delhi Police दिल्ली में थाने आने वाले हर शख्स को प्रवेश द्वार पर रजिस्टर में एंट्री कराने के बाद पास के जरिये प्रवेश दिया जा रहा है। थाना परिसर में बने मुलाकाती कक्ष में ही पुलिसकर्मियों को शिकायतकर्ताओं से सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में मिलने की हिदायत दी गई है। कई थानों में प्रवेश द्वारों पर चेहरे का बायोमीट्रिक एंट्री सिस्टम भी लगा दिया गया है।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 14 Aug 2024 10:22 PM (IST)
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CBI छापों के बाद दिल्ली पुलिस ने थानों की बढ़ाई निगरानी।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली के थानों में आए दिन सीबीआई के छापे पड़ने से पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने थानों की निगरानी बढ़ा दी है। पिछले एक सप्ताह से थानों में ऐसी कवायद शुरू की गई है। थानों में प्रवेश व निकासी द्वारों पर संतरी ड्यूटी के तौर पर सिपाहियों की तैनाती की गई है।

प्रवेश द्वार पर तैनात सिपाहियों को जिम्मेदारी दी गई है कि अगर कोई शिकायतकर्ता शिकायत लेकर थाने आता है अथवा किसी केस के सिलसिले में जांच अधिकारी से मिलना चाहता है तो पहले प्रवेश द्वार पर ही रजिस्टर में उसका नाम, पता व मोबाइल नंबर दर्ज किया जाए और पास बनाने के बाद उसे ड्यूटी ऑफिसर यानी रिशेप्शन पर जाने की अनुमति दी जाए।

कई थानों में प्रवेश द्वारों पर चेहरे का बायोमीट्रिक एंट्री सिस्टम भी लगा दिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर थाने आने वाले लोगों की पहचान की जा सके।

जांच अधिकारी में नहीं जा सकता बाहरी शख्स

थानों में इस तरह की व्यवस्था की गई है कि गेट से पास बनवा कर रिशेप्शन पर जाने के बाद ड्यूटी ऑफिसर द्वारा पास में दर्ज पुलिसकर्मी को कॉल कर रिशेप्शन पर ही बुला लिया जाता है। किसी भी बाहरी शख्स को जांच अधिकारी के कमरे में जाकर मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। बाहरी शख्स को थाना परिसर में बने मुलाकाती कक्ष में ही पुलिसकर्मियों से मिलने दिया जा रहा है।

..ताकि रिश्वत न ले पाएं पुलिसकर्मी

इस कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं। इस तरह की व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि पुलिसकर्मी लोगों से रिश्वत न ले पाएं। पुलिस अधिकारियों की मानें तो इससे भ्रष्टाचार पर कुछ हद तक अंकुश लग सकेगा। इस तरह की कवायद से चर्चा यह भी है कि सीबीआई द्वारा आए दिन थानों में छापे मारने जैसी कार्रवाई पर भी रोक लग सकेगा।

सीबीआई के थाने आते ही अंदर बैठे पुलिसकर्मी अलर्ट हो जाएं। दिल्ली के थानों में ऐसा पहली बार किया गया है। क्योंकि आए दिन थानों में सीबीआई के छापे पड़ने से महकमे की छवि धूमिल हो रही है।

भ्रष्टाचार बढ़ने के कई कारण

आला अधिकारियों की मानें तो पुलिसकर्मियों में भ्रष्टाचार बढ़ने के कई कारण हैं। अधिकतर थानों में अनुभवी थानाध्यक्षों की कमी है। जिन्हें थाने को चलाने का बेहतर अनुभव नहीं है, वे पुलिसकर्मियों का बेहतर तरीके से नेतृत्व नहीं कर पा रहे हैं। पहले बड़े थानों में अनुभवि इंस्पेक्टरों को ही थानाध्यक्ष बनाया जाता था।

इंस्पेक्टर को लेकर बनाया है नियम

बीते कुछ वर्षों में यह नियम बना दिया गया कि एक इंस्पेक्टर तीन साल ही थानाध्यक्ष पद पर रहेंगे। इस तरह का नियम बनाने से इंस्पेक्टर्स को दो थाने में ही थानाध्यक्ष रहने का मौका मिल पाता है। इसका दूसरा बड़ा कारण यह माना जा रहा है कि जब इंस्पेक्टर को पता है कि उन्हें दो थाने में ही तीन साल का कार्यकाल मिल सकेगा तो वे ईमानदारी पूर्वक काम करने से कतराते हैं और पुलिसकर्मियों को बेहतर नेतृत्व ही नहीं कर पा रहे हैं।

थानों में भ्रष्टाचार बढ़ने का एक बड़ा कारण यह माना जा रहा है। कुछ समय से यह देखा जा रहा है कि बिना अनुभव वाले इंस्पेक्टरों को पहली बार में ही बड़े थानों में थानाध्यक्षों की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। पहले एसीपी का थानाध्यक्षों पर नियंत्रण रहता था। कुछ समय से यह भी खत्म होते दिखाई दे रहा है।

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