थप्पड़कांड की जांच में क्या है 3 बड़ी बाधा, मुख्य सचिव प्रकरण के सत्य से तीन कदम दूर पुलिस
मुख्य सचिव आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों को नहीं पहचनाते हैं। जांच में यह एक बड़ी बाधा है।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। सोमवार के बाद दिल्ली पुलिस कभी भी मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में अरविंद केजरीवाल व अन्य विधायकों से पूछताछ कर सकती है। फिलहाल पुलिस उस वक्त घटनास्थल पर मौजूद विधायकों की लिस्ट तैयार करने में जुटी है। पुलिस सारे साक्ष्यों को नए सिरे से जुटाने में लगी है। फिलहाल पुलिस की जांच में इस समय ये तीन बाधाएं प्रक्रिया को प्रभावित कर रही हैं। आइए जानते हैं क्या है प्रमुख अड़चने-
बाधा- 1
सभी विधायकों को भलीभांति नहीं पहचानते हैं मुख्य सचिव
सूत्रों के मुताबिक पुलिस को जांच के दौरान एक सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि मुख्य सचिव सभी विधायकों को भलीभांति नहीं पहचानते हैं। अंशु उन विधायकों को अच्छे से पहचानते हैं, जो उनके बगल में बैठे थे। शुरुआत में उन्होंने मारपीट करने वाले अमानतुल्लाह और प्रकाश जारवाल के बारे में बताया था। बाद में उन्होंने अंबेडकर नगर के विधायक अजय दत्त और लक्ष्मी नगर के विधायक नितिन त्यागी की पहचान की थी। इसके बाद पुलिस ने अमानतुल्लाह और प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार जबकि अजय और नितिन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। लेकिन मुख्य सचिव आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों को नहीं पहचनाते हैं। जांच में यह एक बड़ी बाधा है। पुलिस को अगर इस घटना के तह तक जाना है तो इस बाधा को पार करना ही होगा।
बाधा- 2
कुछ विधायकों के खिलाफ सबूत जुटा रही है पुलिस
उधर, पुलिस वारदात के वक्त मुख्यमंत्री आवास पर जनकपुरी के पूर्व विधायक राजेश ऋषि, वजीरपुर के पूर्व विधायक राजेश गुप्ता, किराड़ी के विधायक ऋतुराज गोविंद, कस्तुरबा नगर के पूर्व विधायक मदन लाल, जंगपुरा के पूर्व विधायक प्रवीण कुमार, संगम विहार के विधायक दिनेश मोहनिया और बुराड़ी के पूर्व विधायक संजीव झा के खिलाफ भी सबूत जुटाने में लगी है। पुलिस को यह सूचना है कि वारदात के समय उक्त सभी विधायक मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद थे। पुलिस इन विधायकों पर कार्रवाई से पूर्व पुख्ता सबूत एकत्र कर लेना चाहती है।
बाधा- 3
हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण आई बाधा
हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण पुलिस शुक्रवार को बरामद किए गए सीसीटीवी फुटेज को नहीं देख पाई। घटना स्थल से सीसीटीवी फुटेज को जब्त व सील कर उन्हें सीधे जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजा गया है। इसलिए मारपीट मामले में पुलिस सीसीटीवी फुटेज के फारेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। बता दें कि मुख्यमंत्री आवास से पुलिस ने चार वीडियो रिकाडिंग (डीवीआर) जब्त किए हैं। माना जा रहा है कि जांच की रिपोर्ट सोमवार तक आ जाएगी। इसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई शुरू करेगी।
मारपीट से आहत मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने कही मन की बात
अरविंद केजरीवाल के आवास में मारपीट से आहत मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने दिल्ली सरकार के साथ काम नहीं करने की ईच्छा जताई है। इस हालात में अगर वह यहां से जाते हैं तो इसका सीधा असर दिल्ली सरकार के कामकाज पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री आवास में मुख्य सचिव के साथ जिस तरह से आप के विधायकों ने अपमानित किया और थप्पड़ मारा, उससे पूरी नौकरशाही खफा है। ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या कोई अफसर केजरीवाल के साथ काम करने को राजी हाेता है।