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दिल्ली पुलिस की लेडी सिंघम चला रहीं आत्मरक्षा की पाठशाला, आत्मविश्वास की 'किरण' बनकर जगा रहीं सुरक्षा का भरोसा

दिल्ली पुलिस की लेडी सिंघम किरण सेठी महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त बना रही हैं। वह दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में महिला डॉक्टरों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही हैं। वह देह व्यापार के दलदल में फंसी महिलाओं को मुक्त कराकर उन्हें स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दे रही हैं। किरण सेठी ने अब तक 10 लाख से अधिक लोगों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी है।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 07 Oct 2024 07:26 PM (IST)
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दिल्ली पुलिस की लेडी सिंघम चला रहीं आत्मरक्षा की पाठशाला।

मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में युवा प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। घटना के दो माह बाद भी आक्रोश थम नहीं रहा है। डॉक्‍टर अपनी सुरक्षा को लेकर सहमे हुए हैं। दिल्ली में महिला डॉक्‍टर्स को संबल देने के लिए लेडी सिंघम के रूप में पहचान रखने वाली सब-इंस्पेक्टर किरण सेठी ने जिम्‍मा उठाया है।

शहर की महिला चिकित्सा पेशेवरों के लिए एक सुरक्षित भविष्य बनाने के लिए गंभीरता से काम कर रही हैं। दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में पूर्व विशेषज्ञ शिव कुमार कोहली के साथ मिलकर सत्र आयोजित कर महिला डॉक्टर्स को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण दे रही हैं। सत्र के माध्‍यम से अब तक तीन हजार से अधिक महिला डाक्टर्स व नर्स प्रशिक्षण ले चुकी हैं और किरण की इस पहल से अपने डर को आत्मविश्वास में बदल रही हैं।

रेजिडेंट डाक्टर्स का कहना है कि सत्र में भाग लेकर वह मजबूत और आत्मविश्वासी महसूस कर रही हैं। किरण अब तक एम्स, सफदरजंग अस्पताल, मौलाना आजाद मेडिकल कालेज, एलएन और जीबी पंत, राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट, लेडी हार्डिन और कई बड़े अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर सत्र आयोजित कर चुकी हैं।

दलदल से निकाल संबल भरतीं

दिल्ली के श्रद्धानंद मार्ग स्थित महिला पुलिस चौकी इंजार्च किरण सेठी के इस संबल की कहानी कुछ यूं शुरू हुई थी। किरण को बचपन से ही पढ़ाई के साथ खेलने-कूदने का शौक था। वह परिवार में सबसे बड़ी हैं और उनके दो छोटे भाई-बहन हैं। पिता को किसी ने जहर दिया था, जिससे उनकी आवाज चली गई थी। तब किरण अपने बचपन को गढ़ रही थीं, मां रणजीत नगर में रेस्तरां चलाती थीं।

छोटी से उम्र में ही घर की जिम्मेदारियों से घिरीं किरण ने पढ़ाई के साथ-साथ अपनी मां का हाथ बंटाना शुरू कर दिया था। सेल्फ डिफेंस में महारत हासिल कर चुकीं किरण 12वीं पास करने के बाद महज 19 साल की उम्र में सिपाही के पद भर्ती हुईं अब तक अपने करियर में दस लाख से अधिक लोगों को ट्रेनिंग दे चुकी हैं।

इसके अलावा वह दिव्यांगों को भी सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण देती हैं। वह इस बात पर जोर देती हैं कि स्कूलों में बच्चियों को पढ़ाई के साथ-साथ इस बात की भी शिक्षा देनी चाहिए कि उन्हें मजबूत कैसे बनना है। साथ ही सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग सामान्य क्लास की तरह होनी चाहिए, ताकि उन्हें जीवन के शुरुआती चरणों में ही खुद को सुरक्षित रखने के बारे में सिखाया जाए।

किरण दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में देह व्यापार के दलदल में जबरन फंसाई गई लगभग 50 से अधिक महिलाओं व नाबालिगों को अब तक मुक्त करा चुकी हैं। उन्होंने नशे के आदी, सेक्स वर्कर्स और दिव्यांगों को योगा की ट्रेनिंग देकर सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।

आज खुद को सुरक्षित महसूस कर रहीं सेक्स वर्कर्स

किरण सेठी वर्ष 2020 से सेक्स वर्कर्स को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही हैं, साथ ही उन्हें स्किल डेवलपमेंट के बारे में सिखाया जाता है। श्रद्धानंद मार्ग स्थित अपनी पोस्टिंग के बाद किरण ने देखा कि वहां काम कर रहीं सेक्स वर्कर्स मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर हैं। उन्होंने डॉक्टर्स से उनकी काउंसलिंग कराई और उनकी परेशानियों सुनीं। यही कारण है कि आज इन सेक्स वर्कर्स को सिलाई मशीन चलाना, मिट्टी के दीपक बनाना, लिफाफे बनाना, आदि गुर सिखाए जाते हैं।

कई बार उनके द्वारा बनाए सामान को मार्केट में सेल भी किया गया। इसको बेचकर जो भी पैसे मिले उसे इनमें बांटा गया। इसका उद्देश्य उन्हें यह बताना था कि देह व्यापार छोड़कर इस तरह के काम कर के भी आजीविका चलाई जा सकती है। इसके अलावा वह जल्द ही देह व्यापार में शामिल महिलाओं के लिए ई-रिक्शा की भी व्यवस्था करने वाली हैं।

उनका मानना है कि ई-रिक्शा चलाने से इस तरह के व्यापार में लिप्त महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें रोजगार के अवसर पैदा होंगे। जूडो और कराटे में हैं ब्लैक बेल्ट किरण ने स्कूली दिनों से ही जूडो की ट्रेनिंग लेना शुरू किया था और 57 साल की उम्र में भी वह अपनी फिटनेस और काम के प्रति खुद को झोंक देने के अपने जज्बे से लाखों लोगों के लिए मिसाल बन रही हैं।

उन्होंने हमेशा खुद को दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रखा। जूडो और कराटे में ब्लैक बेल्ट होने के बाद वह न केवल सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाती हैं, बल्कि योग और एरोबिक्स के जरिए फिटनेस को भी बढ़ावा देती हैं। बेहतरीन किकबाक्सर के तौर पर अपनी पहचान बनाने वालीं किरण ने 1999 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया था। पुरुषों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने वाली पहली महिला वैसे किरण सेठी कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं, मगर उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि वह दिल्ली पुलिस की ऐसी पहली महिला पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होंने पुरुषों को भी सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी है।

वह दिल्ली के कई स्कूलों, कालेजों, अस्पतालों, एमएनसी और सीबीआR सहित दिल्ली पुलिसकर्मियों के बच्चों को ट्रेनिंग प्रदान कर रही हैं। किरण अभी तक पांच हजार से ज्यादा स्कूलों और कॉलेजों में जाकर और विभिन्न सत्रों के माध्यम से दस लाख से अधिक लोगों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे चुकी हैं। श्रद्धानंद मार्ग स्थित आल वुमेन पुलिस चौकी पहली महिला चौकी है, जिसमें दस महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं। इस चौकी की इंचार्ज किरण सेठी ने यहां गरीब बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था की हुई है। चौकी के हाल में करीब तीस बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

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