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जामिया के बाहर दीपोत्सव को जुटे छात्रों पर भांजी लाठी, साढ़े तीन घंटे बाद मिली थी अनुमति; यूनिवर्सिटी ने जारी किया बयान

जामिया में 22 अक्टूबर को दीपावाली समारोह के दौरान हुई घटना को लेकर देर रात विश्वविद्यालय प्रशासन ने बयान जारी किया। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक घटना में बाहरी तत्वों का हाथ है जिन्होंने विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। छात्रों को दीपावली मनाने की सशर्त अनुमति दी गई थी। सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था तभी कुछ अज्ञात लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

By rais rais Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 24 Oct 2024 07:49 AM (IST)
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जामिया में दीप जलाने जा रहे छात्रों पर लाठी भांजते पुलिसकर्मी। फोटो- विपिन शर्मा
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर 22 अक्टूबर की घटना के विरोध में बुधवार को जुटे छात्रों पर पुलिस ने लाठिया भांजी। इस दौरान कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया। इसके बावजूद छात्र विश्वविद्यालय के बाहर दीपोत्सव मनाने पर अड़े रहे।

साढे तीन घंटे चली गहमागहमी के बाद आखिरकार पुलिस ने गेट नंबर 13 पर दीपोत्सव मनाने की अनुमति दी। दीपोत्सव के बाद ही छात्र घर लौटे। वहीं, जामिया के उच्च अधिकारी ने कहा कि हमने थाने में शिकायत की है। उपद्रवियों की पहचान नहीं हो पाई है। सभी की पहचान करके कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

दीये सजाने की चल रही थी स्पर्धा

दरअसल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 22 अक्टूबर को दीपावली उत्सव के उपलक्ष्य में एबीवीपी के राष्ट्रीय कला मंच की ओर से ‘ज्योतिर्मय 2024’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के पास देर शाम रंगोली प्रतियोगिता के साथ दीये सजाने की स्पर्धा चल रही थी। आरोप है कि इस बीच छात्रों के एक गुट ने न केवल कार्यक्रम का विरोध किया, बल्कि रंगोली को पैरों से मिटा दिया। कहासुनी और विवाद के बाद दोनों पक्ष के सैकड़ों छात्र जुट गए।

इस बीच कार्यक्रम का विरोध कर रहे गुट ने फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे भी लगाए। छात्रों के साथ मारपीट की और कुछ छात्राओं के साथ अभद्रता भी की। घटना के विरोध में एबीवीपी की ओर से शाम 4.30 बजे जामिया विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के बाहर दीपोत्सव मनाने का आह्वान किया। छात्र गुटों में झड़प को देखते हुए सभी गेट के बाहर तैनात पुलिसकर्मी भीड़ जमा ही नहीं होने दे रही थी। 

सुखदेव विहार से आगे बढ़े तो पुलिस ने भांजी लाठी

दीपोत्सव मनाने पर अड़े एबीवीपी के छात्र शाम पांच बजे सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन के नीचे जुटे। जैसे ही नारेबाजी करते हुए गेट नंबर सात की तरफ बढ़े, पहले से मौजूद पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया।

नारेबाजी कर रहे छात्रों को पुलिस ने लाठियां भांज कर तितर-बितर किया। इस दौरान कुछ छात्रों को पुलिस ने डिटेन भी किया। इसके बाद भी छात्र विश्वविद्यालय के पास अलग-अलग जगहों पर डटे रहे और दीप जलाने का प्रयास करते रहे।

कक्षाएं खत्म होने के बाद दी अनुमति

एबीवीपी के छात्र जहां विश्वविद्याल के बाहर दीपोत्सव पर अड़े थे, वहीं गेट नंबर सात के भीतर भी दूसरा गुट जुटा था। बीच-बीच में कई बार अंदर से भी नारेबाजी की गई। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रात करीब आठ बजे तक कई विभागों में कक्षाएं संचालित होती हैं।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 13 नंबर गेट पर दीप जलाते एबीवीपी के सदस्य। फोटो- विपिन शर्मा

टकराव की स्थिति रोकने के लिए पुलिस ने कक्षाएं बंद होने का बाद रात आठ बजे एबीवीपी छात्रों को केवल दस मिनट के लिए दीये जलाने की अनुमति दी। सैकड़ों की संख्या में छात्र जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के गेट नंबर 13 पर पहुंचे। दीये प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव मनाया। पटाखे जलाते हुए जय श्रीराम के नारे भी लगाए। इस बीच मौके पर भारी पुलिसबल तैनात रहा।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 13 नंबर गेट पर दीप जलाते एबीवीपी के सदस्य। फोटो- विपिन शर्मा

पुराछात्र एसोसिएशन ने की घटना की निंदा

दीपावली के उत्सव के दौरान छात्रों पर हमले की जामिया मिल्लिया इस्लामिया अल्पसंख्यक पुराछात्र एसोसिएशन ने भी कड़े शब्दों में निंदा की। एसोसिएशन ने इस वर्ष होली के दौरान और पिछले तीन वर्ष में हुई इस तरह की घटनाओं का जिक्र किया।

विश्वविद्यालय प्रशासन व पुलिस से मामले की जांच करते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की गई। एबीवीपी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव ने भी मंगलवार रात बयान जारी कर विश्वविद्यालय प्रशासन व दिल्ली पुलिस से हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

बाहरी तत्वों ने की माहौल खराब करने की कोशिश

विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, भीड़ में शामिल बाहरी तत्वों ने सोची-समझी रणनीति के तहत जानबूझकर उपद्रव मचाया, जिसमें बाद इसमें कुछ अन्य छात्र भी शामिल हो गए। मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ जामिया नगर पुलिस स्टेशन में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई है।

साथ ही, विश्वविद्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और आंतरिक स्रोतों के जरिए आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जामिया मिल्लिया इस्लामिया देश की गंगा-जमुनी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और हर साल यहां सभी धर्मों के लोग खुशी-खुशी सभी त्योहार मनाते हैं।

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