न्यूजक्लिक मामले में कई वरिष्ठ पत्रकारों को भी आरोपी बना सकती है पुलिस, चार्जशीट तैयार करने में जुटी दिल्ली पुलिस
चीनी कंपनियों से करोड़ों रुपये लेकर चीन के पक्ष में प्रायोजित खबरें चलाने के आरोप मामले में समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ समेत अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस आरोप पत्र तैयार करने में जुट गई है। करीब पांच से प्रबीर पुरकायस्थ जेल में बंद हैं। आरोपित के जेल में होने पर तीन माह के अंदर ही आरोप पत्र दायर करने का प्रविधान है।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। चीनी कंपनियों से करोड़ों रुपये लेकर चीन के पक्ष में प्रायोजित खबरें चलाने के आरोप मामले में समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ समेत अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस आरोप पत्र तैयार करने में जुट गई है। करीब पांच से प्रबीर पुरकायस्थ जेल में बंद हैं।
आरोपित के जेल में होने पर तीन माह के अंदर ही आरोप पत्र दायर करने का प्रविधान है। देरी होने पर स्पेशल सेल एक बार पहले भी कोर्ट से एक माह की मोहलत ले चुकी है। अब पुलिस दोबारा कोर्ट से एक माह की मोहलत मांगेगी। आरोप पत्र दायर करने में देरी का कारण यह बताया जा रहा है।
कई वरिष्ठ पत्रकार नहीं हुए गिरफ्तार
पुलिस इस मामले में कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को भी आरोपित बनाने पर विचार कर रही, जिन्हें अबतक गिरफ्तार नहीं किया गया है लेकिन जांच में उनकी संलिप्तता पाई गई है। पुलिस चीनी कंपनियों के पांच छह चीनी नागरिकों को आरोपित बनाने का निर्णय पुलिस पहले ही ले चुकी है।बीते अक्टूबर में स्पेशल सेल ने प्रबीर पुरकायस्थ व न्यजक्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस पोर्टल से जुड़े वर्तमान और पूर्व पत्रकारों समेत एचआर व अन्य कर्मियों से कई बार पूछताछ की है। करीब तीन माह के दौरान पुलिस पोर्टल के वर्तमान व पूर्व में कार्यरत 40 से अधिक वरिष्ठ पत्रकारों व अन्य से गहन पूछताछ कर चुकी है।
गौतम नवलखा से भी सेल ने पिछले माह मुंबई स्थित उनके आवास पर जाकर इसी मामले में दो दिनों तक पूछताछ की थी। जांच में चीनी कंपनियों के पांच छह नागरिकों द्वारा अवैध फंडिंग कर भारत में न्यूजक्लिक के जरिए चीन के पक्ष में प्रायोजित खबरें चलवाने का पता चलने के दावे किए जा रहे हैं।
अमित चक्रवर्ती को पुलिस ने इसलिए सरकारी गवाह बनाया ताकि उनसे विदेश से मिलने वाले सभी तरह के वित्तीय लेनदेन व कंपनी की पालिसी आदि के बारे में जानकारी मिल सके। समाचार पोर्टल के मालिक, पोर्टल से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों व अन्य पर तीन तरफ से शिकंजा कसा जा रहा है।
पहले ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत मामले की जांच शुरू की। फिर स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तारियां कीं। सीबीआइ विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में समाचार पोर्टल और उसके निदेशक सहित अन्य के खिलाफ जांच कर रही है।
न्यूजक्लिक पर चीनी कंपनियों से अवैध तरीके से पैसे लेने का आरोप है। कंपनी ने बिना लाइसेंस के चीनी कंपनियों से करोड़ों रुपये लिए जो फारेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का उल्लंघन है। किसी भी भारतीय कंपनी को विदेश से फंड लेने के लिए पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से लाइसेंस लेना होता है, जिसके लिए विस्तृत गाइडलाइन है। न्यूजक्लिक पर केंद्र सरकार से बिना लाइसेंस लिए कई वर्षों से चीन से पैसे लेने का आरोप है।
स्पेशल सेल ने तीन अक्टूबर को न्यूजक्लिक के सैदुलाजाब स्थित कार्यालय समेत कंपनी से जुड़े पत्रकारों व अन्य के दिल्ली-एनसीआर समेत पांच शहरों में 100 से अधिक ठिकानों पर 11 घंटे तक छापेमारी की थी। उक्त जगहों से पुलिस ने कुल 37 लोगों को हिरासत में लिया था। बाद में प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर बाकी को छोड़ दिया गया था।
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