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Delhi Police New Commissioner: तमिलनाडु कैडर के आईपीएस संजय अरोड़ा बने नए दिल्ली पुलिस आयुक्त, राकेश अस्थाना को नहीं मिला सेवा विस्तार

Delhi Police New Commissionerसंजय अरोड़ा वर्तमान में आइटीबीपी में महानिदेशक थे। भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी संजय अरोड़ा ने मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर (राजस्थान) से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसको लेकर यूटी कैडर के आइपीएस एक बार फिर हैरान रह गए।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Sun, 31 Jul 2022 01:28 PM (IST)
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उन्होंने 31 अगस्त 2021 को डीजी आईटीबीपी के रूप में 31वें सेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Police New Commissioner: गुजरात कैडर (Gujrat Cadre)के 1984 बैच के आइपीएस राकेश अस्थाना(Rakesh Asthana) को दूसरी बार सेवा विस्तार नहीं मिल पाया। पिछले साल जुलाई में जब अस्थाना को दिल्ली पुलिस का आयुक्त बनाया गया था तभी से यह चर्चा भी शुरू हो गई थी कि केंद्र सरकार के बेहद करीबी माने जाने वाले अस्थाना को दोबारा भी सेवा विस्तार दिया जाएगा।

यूटी कैडर के आइपीएस समेत पूरे महकमा में इसको लेकर अटकलें लगाई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। केंद्र सरकार ने 1988 बैच के आइपीएस संजय अरोड़ा(IPS Sanjay Arora) को रविवार को अचानक दिल्ली पुलिस का नया मुखिया बना दिया। इसको लेकर यूटी कैडर(UT Cadre) के आइपीएस(IPS) एक बार फिर हैरान रह गए।

यह तीसरी बार है जब गैर यूटी कैडर के आइपीएस को दिल्ली पुलिस(Delhi Police) का मुखिया(Commissioner) बनाया गया है। सबसे पहले यूपी कैडर के अजय राज शर्मा(Ajay Raj Sharma) को दिल्ली पुलिस का आयुक्त बनाया गया था। दूसरी बार पिछले साल जुलाई में गुजरात कैडर के राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का मुखिया बनाया गया। उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद अब तमिलनाडु कैडर(Tamilnadu Cadre) के संजय अरोड़ा को नया आयुक्त बनाया गया।

संजय अरोड़ा वर्तमान में आइटीबीपी(ITBP) में महानिदेशक(Director General) थे। भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी संजय अरोड़ा ने मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर (राजस्थान) से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। आईपीएस में शामिल होने के बाद उन्होंने तमिलनाडु पुलिस में विभिन्न पदों पर कार्य किया।

वह स्पेशल टास्क फोर्स(Special Task Force) के पुलिस अधीक्षक (एसपी) थे, जहां उन्होंने वीरप्पन(Veerapan) गिरोह के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की, जिसके लिए उन्हें वीरता और वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री के वीरता पदक से सम्मानित किया गया। 1991 में अरोड़ा, एनएसजी द्वारा प्रशिक्षित होने के बाद लिट्टे गतिविधि के सुनहरे दिनों के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को सुरक्षा प्रदान करने के लिए विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने तमिलनाडू के विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षक के रूप में भी कार्य किया। उन्हें 1997 से 2002 तक कमांडेंट के रूप में प्रतिनियुक्ति पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में सेवा देने को कहा गया। उन्होंने 1997 से 2000 तक उत्तराखंड के मतली में आइटीबीपी बटालियन की एक सीमा सुरक्षा की कमान संभाली थी। प्रशिक्षक के रूप में उन्होंने प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान, 2000 से 2002 तक आइटीबीपी अकादमी, मसूरी में कमांडेंट (लड़ाकू विंग) के रूप में सेवा दिया।

2002 से 2004 तक पुलिस आयुक्त, कोयंबटूर रहे। उन्होंने पुलिस उप महानिरीक्षक, विल्लुपुरम रेंज और सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी उप निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने चेन्नई सिटी पुलिस का नेतृत्व, अतिरिक्त आयुक्त अपराध और मुख्यालय और अतिरिक्त आयुक्त यातायात के रूप में काम किया। पदोन्नति देकर उन्हें तमिलनाडु पुलिस में एडीजीपी (संचालन) और एडीजीपी (प्रशासन) के रूप में नियुक्त किया गया।

उन्होंने आईजी (स्पेशल आपरेशंस) बीएसएफ, आईजी छत्तीसगढ़ सेक्टर सीआरपीएफ और आईजी आपरेशंस सीआरपीएफ के रूप में भी काम किया है। उन्होंने आईटीबीपी के महानिदेशक के रूप में नियुक्त होने से पहले एडीजी मुख्यालय और आपरेशन सीआरपीएफ और विशेष डीजी जम्मू-कश्मीर जोन सीआरपीएफ के रूप में भी कार्य किया है।

उन्होंने 31 अगस्त 2021 को डीजी आईटीबीपी के रूप में 31वें सेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया। 2004 में उन्हें सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक, 2014 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, पुलिस विशेष कर्तव्य पदक, आंतरिक सुरक्षा पदक और संयुक्त राष्ट्र शांति पदक सहित अन्य पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

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