हाई-प्रोफाइल मर्डर करने के लिए आर्मीनिया पहुंच गया था गैंगस्टर सचिन बिश्नोई, दिल्ली पुलिस ने ऐसे विफल कर दिया प्लान
सचिन बिश्नोई को हिरासत में लिए जाने से एक हाई-प्रोफाइल हत्या होते-होते रह गई। वह अपने दुश्मन को मारने के लिए आर्मीनिया पहुंच गया था। जांच में पता चला कि अगस्त 2022 में वो अजरबैजान में विरोधी गुट बंबीहा के सरगना लकी पटियाल को मारने की योजना बना रहा था। लॉरेंस बिश्नोई ने लकी पटियाल को मारने की जिम्मेदारी सचिन को सौंपी थी।
By Jagran NewsEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Wed, 29 Nov 2023 10:57 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अजरबैजान में सचिन बिश्नोई को हिरासत में लिए जाने से एक हाई-प्रोफाइल हत्या होते-होते रह गई। तीन महीने पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अजरबैजान से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भतीजे गैंगस्टर सचिन बिश्नोई का प्रत्यर्पण किया।
बंबीहा सरगना को मारने की थी योजना
पंजाब के फजिल्का का रहने वाला सचिन बिश्नोई कुख्यात बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गैंग का सदस्य है। दिल्ली पुलिस की जांच में यह पता चला कि अगस्त 2022 में वो अजरबैजान में विरोधी गुट बंबीहा के सरगना लकी पटियाल को मारने की योजना बना रहा था। लॉरेंस बिश्नोई ने लकी पटियाल को मारने की जिम्मेदारी सचिन को सौंपी थी।
लकी पटियाल आर्मीनिया से बंबीहा गैंग की कमान संभाले हुआ है। पुलिस का कहना है कि सचिन अवैध तरीके से लाचिन कॉरिडोर के जरिए आर्मीनिया में रेफ्यजी ग्रुप में शामिल होकर घुसने की फिराक में था, जो अजरबैजान के नागोरनोकाराबख को आर्मीनिया से जोड़ता है। आर्मीनिया में लकी पटियाल को निपटाने के बाद वह अजरबैजान की राजधानी बाकू पहुंचकर, वहां से सर्बिया चला जाता।
जेल से बना लकी की हत्या का प्लान
लॉरेंस बिश्नोई ने जेल में बैठे-बैठे लकी पटियाल को खत्म करने का प्लान बनाया। उसने तब दुबई में बैठे सचिन बिश्नोई को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद सचिन ने अजरबैजान की राजधानी बाकू में अपना बेस तैयार किया। हालांकि, भारतीय एजेंसियों ने उसके आर्मीनिया में घुसने से पहले ही पकड़ लिया।
सिग्नल आईडी से किया ट्रैक
अगस्त साल 2022 में बाकू से सचिन बिश्नोई को हिरासत में लिया गया। जांच एजेंसियों ने इंटरनेट प्रोटोकॉल डीटेल्स रिकॉर्ड्स का बारीकी से विश्लेषण के बाद उसके ऐपल आईडी और सिग्नल आईडी को ट्रैक किया था। बाकू में सचिन को हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद उसके प्रत्यर्पण की कोशिशें तेज हो गईं।भारत लाने के लिए सितंबर में चलाया गया ऑपरेशन
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर एचजीएस धालीवाल और एडिशनल कमिश्नर प्रमोद कुशवाहा की अगुवाई में सितंबर में सचिन को बाकू से भारत लाने के लिए ऑपरेशन चलाया गया। धालीवाल ने बताया कि सचिन ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते ही रेडार पर आ गया। मूसेवाला मर्डर में शूटरों ने जिस बोलेरो का इस्तेमाल किया था, उसकी व्यवस्था सचिन ने ही की।
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