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Red Fort Violence: 9 किसानों को दिल्ली पुलिस ने भेजा था नोटिस, एक भी नहीं हुआ शामिल

क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने बृहस्पतिवार देर शाम नौ किसान नेताओं को नोटिस भेजकर शुक्रवार को क्राइम ब्रांच के अलग-अलग कार्यालयों में पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा था लेकिन कोई भी हाजिर नहीं हुआ।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 30 Jan 2021 10:33 AM (IST)
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जिन नेताओं ने पुलिस का नोटिस रिसीव नहीं किया उनमें कुछ को वाट्सएप नोटिस भेजे गए थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड की आड़ में दिल्ली में उपद्रव करने के मामले में शुक्रवार को कोई भी किसान नेता पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के समक्ष हाजिर नहीं हुआ। क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने बृहस्पतिवार देर शाम नौ किसान नेताओं को नोटिस भेजकर शुक्रवार को क्राइम ब्रांच के अलग-अलग कार्यालयों में पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा था, लेकिन कोई भी हाजिर नहीं हुआ। अब इन्हें दोबारा नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है। उधर, दोपहर में फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की दस सदस्यीय टीम ने गाजीपुर बार्डर पर जाकर दो घंटे तक पूरे इलाके का मुआयना किया और सड़क पर पड़े टूटे हुए शीशे आदि कई चीजों के नमूने उठाए।

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जिन किसान नेताओं को नोटिस भेजा गया था उनके नाम राकेश टिकैट, पवन कुमार, राज किशोर सिंह, तेजेंद्र सिंह विर्क, जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू, त्रिलोचन सिंह, गुरमुख सिंह, हरप्रीत सिंह व जगतार सिंह बाजवा शामिल हैं। जिन नेताओं ने पुलिस का नोटिस रिसीव नहीं किया उनमें कुछ को वाट्सएप नोटिस भेजे गए तो कुछ के टेंट पर चस्पा दिए गए थे।

उपद्रव मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक 33 मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें लाल किला, आइटीओ, नांगलोई, नजफगढृ़, गाजीपुर, समयपुर बादली, बाबा हरीदास नगर व पांडव नगर में दर्ज हुए मामले की जांच एसआइटी कर रही है। इन जगहों पर सबसे अधिक उपद्रव हुआ था। उपद्रवियों का नेतृत्व किसान नेताओं ने किया था।

एसआइटी के अलावा जिला पुलिस ने भी मुकदमों की जांच तेज कर दी है। दिल्ली पुलिस, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा व पंजाब पुलिस के साथ मिलकर उपद्रवियों की पहचान करने में जुट गई है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि बड़ी संख्या में सीसीटीवी व वीडियो फुटेज उन्हें मिले हैं। उपद्रवियों का पहचान करना बाकी है। पुलिस को उपद्रव में शामिल ट्रैक्टरों, कारों व बाइक के नंबर भी मिल गए हैं। उससे भी आरोपितों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।

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