Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

SHO की गंदी करतूत, महिला दरोगा को कमरे में बुलाया और फिर...; न्याय के लिए 7 माह से दर-दर भटक रही पीड़िता

Delhi Crime राजधानी दिल्ली में महिला सब इंस्पेक्टर के साथ छेड़छाड़ का मामला प्रकाश में आया है। एक एसएचओ द्वारा महिला दरोगा के साथ बार-बार छेड़छाड़ की गई। पीड़िता ने एसएचओ की गंदी करतूत की शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पीड़िता को सात महीने दफ्तरों के चक्कर काटते हुए हो गए लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। पढ़िए आखिर पूरा मामला क्या है?

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Kapil Kumar Updated: Mon, 23 Sep 2024 05:01 PM (IST)
Hero Image
राजधानी दिल्ली दिल्ली में महिला सब इंस्पेक्टर के साथ एसएचओ द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया। फाइल फोटो

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी की घटना के बाद प्रधानमंत्री से लेकर तमाम न्यायिक संस्थाओं द्वारा महिला अपराध के मामले को बेहद गंभीरता से लेने की बात कही गई, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में ही इसका पालन होते नहीं दिख रहा है।

पीड़िता दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर तैनात है तब भी उनकी नहीं सुनी जा रही है। वह सात माह से न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। पुलिस विभाग से थक हार कर पीड़िता ने अब न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है।

पीड़िता ने 14 फरवरी को दर्ज कराई थी शिकायत

थानाध्यक्ष की हरकतों से तंग आकर 14 फरवरी को पीड़िता ने दक्षिण जिला के डीसीपी से उनके खिलाफ छेड़खानी करने की शिकायत की थी। जिसके बाद सात मार्च को पीड़िता को पुलिस मुख्यालय बुलाकर यौन उत्पीड़न निवारण समिति के चार सदस्यों की टीम के समक्ष पीड़िता का बयान दर्ज किया था।

समिति में डीसीपी व पुलिस प्रवक्ता सुमन नलवा, एडिशनल पुलिस कमिश्नर गीता रानी, डीसीपी क्राइम ब्रांच राकेश पावरिया व एनजीओ कर्मी ज्योति बघेल शामिल थी। बयान के बाद पीड़िता के वाट्सएप चैट व गवाहों के भी बयान दर्ज किए गए।

एसएचओ का भी बयान दर्ज किया गया

इस दौरान एसएचओ का भी बयान दर्ज किया गया और उनसे साक्ष्य मांगे गए। 22 जुलाई को समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कोई निर्णय नहीं आने पर पीड़िता मानसिक सदमे में पहुंच गई है। अत्यधिक मानसिक तनाव लेने के कारण वह सड़क दुर्घटना में घायल भी हो गई। उनके एक पैर में चोट लगने के कारण ऑपरेशन भी कराना पड़ा।

पीड़िता का कहना है कि अगर किसी वर्क प्लेस पर किसी महिला के साथ कोई अपराध होता है तो उनके बयान के आधार पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। जांच का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन तमाम साक्ष्य देने के बावजूद महिला सब इंस्पेक्टर की नहीं सुनी जा रही है।

पीड़िता ने लगाया ये गंभीर आरोप

पीड़िता की तैनाती मार्च में जब डीसीपी दक्षिण जिले में थी तभी मैदानगढ़ी के एसएचओ ने उनका तबादला अपने थाने में करवा लिया था। पीड़िता का आरोप है कि जब वह थाने में ज्वाइन करने गईं तब उस समय एसएचओ थाने में नहीं थे। जिससे वह वेटिंग एरिया में इंतजार करने लगी थी।

इसके बाद एसएचओ ने महिला सब इंस्पेक्टर को बातचीत व परिचय के बहाने अपने कमरे में बुला लिया और बहुत सुंदर होने आदि आपत्तिजनक बातें बाेल उनकी खूब तारीफ की। रात में एसएचओ ने पीड़िता को अपनी गाड़ी से कुतुबमीनार मेट्रो स्टेशन छोड़ दिया था। गाड़ी से उतरने के दौरान दरवाजा खोलने के बहाने एसएचओ ने पीड़िता से शारीरिक छेड़खानी की थी।

इसके बाद दूसरे दिन पीड़िता को एक कॉल पर सफदरजंग भेज दिया गया था। कॉल पर जाने के कुछ देर बाद एसएचओ ने महिला सब इंस्पेक्टर को फोन कर एक जगह आने को कहा था। एसएचओ की मंशा भांप पीड़िता ने उनके पास जाने से मना कर दिया था।

यह भी पढ़ें- SHO की गंदी करतूत, महिला दरोगा को कमरे में बुलाया और फिर...; न्याय के लिए 7 माह से दर-दर भटक रही पीड़िता

वहीं, तीसरे दिन सब इंस्पेक्टर को फिर अपने कमरे में बुलाकर एसएचओ ने आपत्तिजनक बातें कहीं थी। जिसके बाद उन्होंने दक्षिण रेंज के संयुक्त आयुक्त संजय जैन, डीसीपी अंकित चौहान व मुख्यालय में बैठे एक डीसीपी से लिखित शिकायत की थी।

यह भी पढ़ें- इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक यासीन भटकल ने मां से मिलने के लिए मांगी कस्टडी पैरोल, कोर्ट ने पुलिस से मांगा जवाब

शिकायत के बाद पीड़िता को मालवीय नगर थाने में ट्रांसफर कर दिया गया था। 20 दिनों तक कोई कार्रवाई न होने पर पीड़िता ने पहले 112 पर शिकायत की थी। कमांड रूम में शिकायत लिखने से इनकार करने पर पीड़िता ने जब ड्यूटी ऑफिसर को यह कहा कि वह महिला आयोग के हेल्प लाइन नंबर पर भी शिकायत कर रही हैं, तब उनकी शिकायत दर्ज की गई।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें