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Delhi: नाबालिग सहित गैंगस्टर गिरफ्तार, ISI और आतंकी संगठन से लिंक; ली थी सलमान की हत्या की सुपारी

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने विगत नौ मई को पंजाब के मोहाली में पुलिस खुफिया इकाई के मुख्यालय पर राकेट चालित ग्रेनेड (आरपीजी) हमले को अंजाम देने वाले कुख्यात नाबालिग अपराधी को पकड़ा है। इसी नाबालिग ने अपने हाथ से मुख्यालय पर ग्रेनेड दागा था।

By Dhananjai MishraEdited By: GeetarjunUpdated: Fri, 07 Oct 2022 07:48 PM (IST)
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नाबालिग सहित गैंगस्टर गिरफ्तार, ISI और आतंकी संगठन से लिंक; ली थी सलमान खान की हत्या करने की जिम्मेदारी
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने विगत नौ मई को पंजाब के मोहाली में पुलिस खुफिया इकाई के मुख्यालय पर राकेट चालित ग्रेनेड (आरपीजी) हमले को अंजाम देने वाले कुख्यात नाबालिग अपराधी को पकड़ा है। इसी नाबालिग ने अपने हाथ से मुख्यालय पर ग्रेनेड दागा था। वह उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले का रहने वाला है। मामले में अभी एक आरोपित दीपक सीरखपुर फरार है।

नाबालिग के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के आतंकी हरविंदर रिन्दा, कनाडा में बैठे लांडा हरीके और गैंगस्टर लारेंस विश्नोई के साथ ही फरार अपराधी जग्गू भगवनपुरिया से जुड़े हैं। लारेंस विश्नोई गिरोह के सदस्यों ने फिल्म अभिनेता सलमान खान को मारने का काम भी इसी नाबालिग और इसके कुछ साथियों को सौंप रखा था।

कई हत्याओं में शामिल रहा है नाबालिग

स्पेशल सेल के अधिकारियों के अनुसार, चार अगस्त 2021 को अमृतसर में लारेंस विश्नोई गिरोह के विरोधी गुट के मुख्य शूटर राणा कंदोवालिया की हत्या को अंजाम दिया गया था। इसमें नाबालिग के साथ दो और लोग शामिल थे। इसके बाद इन्हीं आरोपितों ने विगत पांच अप्रैल को गुजरात के बिल्डर संजय वियानी की हत्या की। यह हत्या पाकिस्तान में बैठे रिन्दा ने करवाई थी, जिसके लिए शूटरों को नौ लाख रुपये भी दिए गए थे।

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पंजाब पुलिस की खुफिया इकाई के मुख्यालय पर हमला

इसके बाद विगत नौ मई को पंजाब पुलिस की खुफिया इकाई के मुख्यालय पर आरपीजी से हमला किया गया। इस मामले की जांच में पता चला कि इसी नाबालिग और उसके साथी दीपक सीरखपुर ने इसे अंजाम दिया था। हमले के लिए रिन्दा और लांडा ने दोनों को काफी पैसा दिया था। नाबालिग को स्पेशल सेल की टीम ने गुजरात के जामनगर से पकड़ा है।

इससे पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने रिन्दा से जुड़े गैंगस्टर अर्शदीप सिंह को भी गिरफ्तार किया है। अर्शदीप अभी हाल ही में हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आइईडी और हैंड ग्रेनेड मिलने के मामले में शामिल रहा है। इसपर हत्या के कई मामले दर्ज हैं।

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देश में आतंक फैलाना था मकसद

पुलिस जांच में पता चला है कि ये सभी आरोपित क्रास बार्डर सिंडिकेट का हिस्सा हैं, जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। घटनाओं को अंजाम देने के बाद ये बीते चार माह में 18 राज्यों में छिपते रहे। इनके पकड़े जाने से बीकेआइ और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का गठजोड़ एक बार फिर उजागर हुआ है। आरपीजी से हमले के जरिये देश में दहशत का माहौल फैलाने की आइएसआइ व बीकेआइ की थी साजिश।

नाबालिग पर बालिग की तरह मुकदमा चलाने की होगी मांग

पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाबालिग कई संगीन आपराधिक वारदात को अंजाम दे चुका है। आरपीजी हमले से पहले उसने कई हत्याओं को भी अंजाम दिया है। ऐसे में इसके खिलाफ बालिग की तरह मुकदमा चलाने की मांग की जाएगी। नाबालिग की उम्र 16 से 18 वर्ष के बीच है।

जितनी बड़ी वारदात उतनी मिलती थी रकम

पुलिस अधिकारी ने बताया कि रिन्दा और लांडा वारदात के हिसाब से नाबालिग और उसके साथियों को पैसा दिया करते थे। किसी सामान्य व्यक्ति की हत्या के लिए हर शूटर को 50 हजार से एक लाख रुपये दिया जाता था, जबकि किसी बड़े कारोबारी की हत्या के लिए रकम और बड़ी दी जाती थी। बिल्डर संजय बियानी की हत्या के लिए हर शूटर को साढ़े चार लाख रुपये दिए गए थे। इसके लिए समय-समय पर 40 से 50 हजार रुपये भी दिए गए थे, ताकि फरार रहने के दौरान पैसों की कमी न हो।

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