दिल्ली पुलिस अब अपने हर जिले में इन खास नेत्रों से भी अपराधियों पर रखेगी नजर, जानिए क्या है ये
तकनीक के मामले में देशभर में सबसे मजबूत मानी जाने वाली दिल्ली पुलिस अब आसमान से भी अपराधियों पर नजर रखेगी। पुलिस ने राजधानी के हर जिले में ड्रोन से निगरानी करने का निर्णय लिया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 18 लाख रुपये में दो अत्याधुनिक ड्रोन खरीदे गए हैं
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 02 Aug 2021 02:46 PM (IST)
नई दिल्ली, [धनंजय मिश्रा]। तकनीक के मामले में देशभर में सबसे मजबूत मानी जाने वाली दिल्ली पुलिस अब आसमान से भी अपराधियों पर नजर रखेगी। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने राजधानी के हर जिले में ड्रोन से निगरानी करने का निर्णय लिया है। फिलहाल, पायलट प्रोजेक्ट के तहत 18 लाख रुपये में दो अत्याधुनिक ड्रोन खरीदे गए हैं, जिन्हें 'नेत्र' नाम दिया गया है। योजना के मुताबिक जल्द ही 15 ड्रोन और खरीदे जाएंगे।
दरअसल, देश की राजधानी होने की वजह से दिल्ली बेहद संवेदनशील है। यहां आतंकी हमले का खतरा तो हमेशा रहता ही है। इसके साथ ही धरना प्रदर्शन व अन्य आंदोलन के चलते आए दिन बवाल होने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में सुबूतों के अभाव में अपराधियों पर शिकंजा कसने में पुलिस को परेशानी होती है। इसे देखते हुए पुलिस ने ड्रोन खरीदने का निर्णय लिया है। इससे आसानी से आसमान से पुलिस संदिग्धों पर नजर रख सकेगी। इसके संचालन के लिए सात पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
सिंघु और गाजीपुर बार्डर के अलावा जंतर-मंतर पर पुलिस द्वारा इनका ट्रायल भी किया जा रहा है। किराये पर लिए जाते थे अब तक ड्रोन पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अब तक दिल्ली पुलिस के पास अपना कोई ड्रोन नहीं था। धरना-प्रदर्शन या बड़े आंदोलन के समय निगरानी के लिए पुलिस किराये पर ड्रोन लाती थी। इसके लिए प्रतिदिन 25 हजार रुपये किराया देना पड़ता था। इसके अलावा ये ड्रोन पुलिस की जरूरत के मुताबिक कवरेज भी नहीं कर पाते थे।
ड्रोन से यह होगा फायदा ड्रोन के माध्यम से किसी भी घटना की वीडियोग्राफी कर संदिग्धों की आसानी से पहचान की जा सकेगी। ऐसे में बलवा या दंगे जैसे मामलों में अपराधियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य जुटाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही बड़े कार्यक्रमों के दौरान आपराधिक तत्वों पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी।
ये है खासियत = ये ड्रोन जीपीएस और हाई डाइमेंशन कैमरे से लैस हैं, जिससे अधिक दूरी का वीडियो बनाया जा सकेगा
= एक से दो किलोमीटर की ऊंचाई पर 30 से 40 मिनट तक हवा में रह कर लाइव फोटो व वीडियो को रिकार्ड कर कंट्रोल रूम में भेजने की क्षमता है = एक से डेढ़ किलो तक वजन उठा सकेगा = पांच किलोमीटर की दूरी तक नजर रख सकता है = 360 डिग्री घूमने वाला कैमरा लगा है, जो चारो तरफ नजर रखेगा = एक बार प्रोग्रामिंग करने पर खुद ही पांच किलोमीटर के दायरे की पेट्रोलिंग करेगा
= बैटरी खत्म होने की स्थिति आने से पहले मूल स्थान पर लौट आएगा = उड़ान के दौरान रिमोट से संपर्क नहीं होने की स्थिति में जहां से उड़ा था, वहीं पर आकर लैंड होगा
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