Delhi Politics: आमने-सामने की लड़ाई में परास्त होती है भाजपा, जीत के लिए जरूरी है 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट
राजधानी के चुनावी रण में भाजपा त्रिकोणीय मुकाबले में तो बाजी मार लेती है लेकिन आमने-सामने की लड़ाई में वह धराशायी हो जाती है। यही कारण है कि दिल्ली विधानसभा के दो चुनावों के साथ ही इस बार नगर निगम चुनाव में उसे पराजय का सामना करना पड़ा है।
By Santosh Kumar SinghEdited By: GeetarjunUpdated: Thu, 08 Dec 2022 11:06 PM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राजधानी के चुनावी रण में भाजपा त्रिकोणीय मुकाबले में तो बाजी मार लेती है, लेकिन आमने-सामने की लड़ाई में वह धराशायी हो जाती है। यही कारण है कि दिल्ली विधानसभा के दो चुनावों के साथ ही इस बार नगर निगम चुनाव में उसे पराजय का सामना करना पड़ा है। इन तीनों चुनावों में पार्टी का आम आदमी पार्टी (आप) से सीधी लड़ाई थी।
पार्टी के रणनीतिकार भी राजधानी के इस जमीनी सच्चाई को जान रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी के लिए मिशन 50 प्रतिशत का नारा दिया गया था। लेकिन, यह सिर्फ नारा बनकर रह गया है।
भाजपा के रणनीतिकार यह मानते हैं कि दिल्ली में लगभग 32 से 36 प्रतिशत तक उनका परंपरागत वोट है। इस मत प्रतिशत से सिर्फ त्रिकोणीय मुकाबले में ही जीत प्राप्त की जा सकती है। निगम के चुनाव इसका उदाहरण है। वर्ष 2012 व 2017 में भाजपा को 36 प्रतिशत से कुछ ज्यादा वोट मिले थे, बावजूद इसके पार्टी निगम की सत्ता प्राप्त करने में सफल रही थी।
इस तरह हुआ था भाजपा को फायदा
इसका कारण है दोनों निगम चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय था। वर्ष 2012 में बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय मिलकर लगभग 34 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे, जिसका लाभ भाजपा को मिला था। इसी तरह से वर्ष 2017 में भी आप व कांग्रेस के बीच मत विभाजन होने से पार्टी ने जीत दर्ज की थी। वहीं, इस चुनाव में कांग्रेस का मत प्रतिशत कम होने के कारण भाजपा व आप के बीच सीधा मुकाबला हुआ और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
विधानसभा में होती है आमने-सामने की लड़ाई
विधानसभा चुनावों के परिणाम भी इसी ओर इशारा करते हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 44 प्रतिशत से ज्यादा मत प्राप्त कर बहुमत के नजदीक पहुंच गई थी। लेकिन, वर्ष 2015 व 2020 के विधानसभा चुनाव में आप से आमने-सामने की लड़ाई में पार्टी का मत प्रतिशत 40 प्रतिशत से नीचे चला गया जिससे शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा।ये भी पढ़ें- Delhi Air Pollution: 13 दिन बाद दिल्ली वालों को मिली थोड़ी राहत, हवा हुई साफ; खराब श्रेणी में पहुंची हवा
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