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Delhi: 'असंवैधानिक है केंद्र का अध्यादेश', CM केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर साझा की संविधान के जानकारों की राय

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है जिसमें उन्होंने बताया है कि संविधान के जानकार नए ऑर्डिनेंस को अंसवैधानिक बता रहे हैं। इस पोस्ट के साथ उन्होंने लिखा केंद्र द्वारा लाए गए दिल्ली के अध्यादेश के बारे में एक्सपर्ट्स का यही कहना है। सीएम केजरीवाल की पोस्ट के कमेंट सेक्शन में आदमी पार्टी ने इस अध्यादेश को लेकर आम जनता की राय मांगी है।

By Jagran NewsEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Wed, 05 Jul 2023 06:07 PM (IST)
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सीएम अरविंद केजरीवाल ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर अध्यादेश को बताया असंवैधानिक। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने बताया है कि संविधान के जानकार नए ऑर्डिनेंस को अंसवैधानिक बता रहे हैं। इस पोस्ट के साथ उन्होंने लिखा, ''केंद्र द्वारा लाए गए दिल्ली के अध्यादेश के बारे में एक्सपर्ट्स का यही कहना है।''  

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज के बयान का हवाला देते हुए इसे अंसवैधानिक बताया है। जस्टिस मदन लोकुर ने कहा था कि यह अध्यादेश दिल्ली के लोगों को प्रेशर में डालने के लिए है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह अध्यादेश मुख्य रूप से दिल्ली की सरकार को कंट्रोल करने के लिए लाया गया है। 

वहीं, जस्टिस लोकुर के अलावा पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार के और कानूनी मामलों के जानकार केएम चंद्रशेखर ने भी इस अध्यादेश की आलोचना की है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिए थे अधिकार

बता दें कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था कि दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग के सभी अधिकार दिल्ली की सरकार के होंगे। इसके बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था। केंद्र सरकार के अध्यादेश के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियां लौटा दी गई थी। 

केजरीवाल ने मांगा था विपक्षी नेताओं का साथ

इस अध्यादेश के मुद्दे को लेकर अरविंद केजरीवाल ने तमाम विपक्षी पार्टियों का साथ मांगा है। केजरीवाल ने ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, स्टालिन समेत कई नेताओं से मुलाकात कर इस मामले पर समर्थन मांगा है। केजरीवाल ने विपक्षी नेताओं की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था। केजरीवाल विपक्षी नेताओं के साथ के साथ इस अध्यादेश को राज्यसभा से पारित नहीं होने देना चाहते हैं। 

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