Delhi Politics: मल्लिकार्जुन या फिर शशि थरूर में से किसके साथ दिल्ली के 280 डेलीगेट? जानें क्या कहते हैं रुझान
Congress Presidential Election 2022 दिल्ली में ज्यादातर ने मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में मतदान किया है। हालत यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दूसरे प्रत्याशी शशि थरूर का बस खाता ही खुलने का अनुमान जताया गया है।
By sanjeev GuptaEdited By: JP YadavUpdated: Tue, 18 Oct 2022 07:30 AM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस पार्टी की दिल्ली इकाई बदलाव नहीं, परंपरा के साथ ही चली। करीब 98 प्रतिशत मतदान से मिले रुझान के अनुसार एक-दो डेलीगेट को छोड़कर सभी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को वोट दिया है। शशि थरूर का तो सिर्फ खाता खुलने का ही अनुमान है।
दिल्ली के ज्यादातर डेलीगेट्स ने डाला वोट
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस इकाई की ओर से वोटिंग का समय खत्म होने से कुछ देर पूर्व तक भी डेलीगेट्स को अपना वोट डालने के लिए फोन किए जाते रहे। दिल्ली से 280 डेलीगेट हैं, जो इस चुनाव में मतदाता थे। इनके लिए प्रदेश कार्यालय में ही भूतल पर मतदान केंद्र बनाया गया था। सुबह 10 से अपराह्न चार बजे तक मतदान चला।
अनिल चौधरी ने डाला सबसे पहले वोट
दिल्ली की ही डेलीगेट सूची में नाम शामिल होने के बावजूद मनमोहन सिंह, प्रियंका वाड्रा और जनार्दन द्धिवेदी के साथ ही अजय माकन और जयप्रकाश अग्रवाल ने एआइसीसी में मतदान किया। जो डेलीगेट दूसरे राज्यों में प्रदेश रिटर्निंग अफसर व असिस्टेंट प्रदेश रिटर्निंग अफसर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, उनका वोट उन्हीं राज्यों में डला। सबसे पहला वोट प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने डाला।एक पक्षीय रहा दिल्ली में मतदान
मतदान के दौरान भी काफी पुराने चेहरों के बजाय नए चेहरे देखने को मिले। सूत्रों के अनुसार, मतदान लगभग पूरी तरह एकपक्षीय रहा। परोक्ष रूप से गांधी परिवार का समर्थन होने से सभी डेलीगेट ने अपना वोट खड़गे को डाला। प्रदेश अध्यक्ष चौधरी, उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल, पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष चतर सिंह, पूर्व महासचिव ओमप्रकाश बिधूड़ी ने पुष्टि की कि अधिकांश वोट खड़गे को ही मिले हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित चूंकि शशि थरूर के प्रस्तावक भी हैं, लिहाजा उनका वोट उन्हीं को दिए जाने का अनुमान है। कांग्रेस पार्टी सूत्रों के अनुसार, खड़गे की जीत और थरूर की हार अप्रत्याशित नहीं है। इसका संकेत तो चुनाव प्रचार में भी मिल गया था।
शशि थरूर को लेकर नहीं दिखा उत्साह
जब खड़गे प्रदेश कार्यालय आए तो प्रदेश नेतृत्व की पूरी टीम सहित डेलीगेट्स से भी हाल खचाखच भरा था, जबकि थरूर वोट मांगने आए तो सिर्फ पांच डेलीगेट ही पहुंचे थे। इसकी एक वजह खड़गे का लंबा अनुभव एवं ब्लाक अध्यक्ष से पार्टी अध्यक्ष बनने तक का सफर भी रहा, जबकि थरूर की छवि चाकलेटी हीरो वाली ज्यादा बताई जाती रही है।
अनिल चौधरी (अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस) का कहना है कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लोकतंत्र में आस्था का पर्याय है। ऐसा सिर्फ कांग्रेस में ही संभव है। खुशी इस बात की है कि इस प्रक्रिया को प्रदेश स्तर पर भी पूरी शिद्दत से पूरा किया गया।
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