Delhi Pollution: पटाखों के धुएं में उड़ा प्रतिबंध, हवा बनी रही 'बहुत खराब', 2015 के बाद सबसे कम रहा एयर इंडेक्स
गुरुवार को दीवाली वाले दिन पटाखे जलने से पहले शाम छह-सात बजे तक राजधानी दिल्ली का प्रदूषण अपेक्षाकृत कम था हवा भी चल रही थी। लेकिन शाम आठ बजे के बाद जब पटाखे जलने शुरू हुए तो इसमें इजाफा होने लगा। यह हर घंटे बढ़ता गया। बृहस्पतिवार शाम सात बजे दिल्ली का एक्यूआई 327 यानी बहुत खराब श्रेणी में था।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दीवाली की रात पटाखे जलाने पर दिल्ली में लगा प्रतिबंध पटाखों के ही धुएं में उड़ता नजर आया। राष्ट्रीय राजधानी में आधी रात के बाद तक खूब पटाखे जले। वहीं एनसीआर के शहरों में कोई प्रतिबंध नहीं था तो वहां भी जमकर पटाखे जले।
इसी का असर रहा कि पिछले दो साल के मुकाबले इस साल दीवाली के दिन एक्यूआई ज्यादा दर्ज हुआ। हालांकि तेज हवा चलने से राहत भी रही और पूर्वानुमान के मद्देनजर एनसीआर में कहीं का भी एक्यूआई गंभीर श्रेणी में नहीं पहुंचा। दीवाली के अगले दिन शुक्रवार काे भी एक्यूआई बीते वर्ष की तुलना में थोड़ा कम रहा। इससे पहले, 2022 में दीवाली के बाद एयर इंडेक्स सबसे कम रहा था, जो 303 था। वहीं इस बार एयर इंडेक्स 339 रहा।
पटाखे चलने से पहले अपेक्षाकृत कम था प्रदूषण
बृहस्पतिवार को दीवाली वाले दिन पटाखे जलने से पहले शाम छह-सात बजे तक दिल्ली का प्रदूषण अपेक्षाकृत कम था, हवा भी चल रही थी। लेकिन शाम आठ बजे के बाद जब पटाखे जलने शुरू हुए तो इसमें इजाफा होने लगा। यह हर घंटे बढ़ता गया। बृहस्पतिवार शाम सात बजे दिल्ली का एक्यूआई 327 यानी 'बहुत खराब' श्रेणी में था। रात 11 बजे के लगभग यह 330 दर्ज किया गया और शुक्रवार सुबह सात बजे 362 तक हो गया। इस दौरान हवा की गति मंद पड़ने पर स्मॉग की चादर भी देखने को मिली।पराली के धुएं की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत तक पहुंची
आइआइटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम की मानें तो पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से पीएम 2.5 प्रदूषण में 27 प्रतिशत तक प्रदूषण रहा। पराली जलाने के मामले भी एक ही दिन में 900 से ऊपर दर्ज किए गए। आंकड़ों में यह भी पाया गया कि परिवहन - शहर में प्रदूषण का एक अन्य प्रमुख कारण रहा, जिसने 13 प्रतिशत का योगदान दिया है।
16 किमी प्रति घंटे तक रही हवा की रफ्तार
मौसम विभाग के मुताबिक दीवाली पर हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी थी। इसकी रफ्तार बृहस्पतिवार पूर्वाहन साढ़े 11 बजे से शाम छह बजे तक 12 से 16 किमी प्रति घंटा रही। जबकि इसके बाद शुक्रवार सुबह तक तीन से सात किमी प्रति घंटा दर्ज की गई।क्या कहते हैं विशेषज्ञ
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) सीनियर प्रोग्राम लीड अभिषेक कर कहते हैं, "इस साल दीवाली पर पिछले साल की तुलना में एक्यूआइ कम बढ़ा। वायु प्रदूषण में वृद्धि रोकने में अनुकूल मौसम ने अहम भूमिका निभाई। हालांकि पंजाब और हरियाणा जैसे दिल्ली की तरफ हवा के बहाव वाले राज्यों में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी के कारण आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता की समस्या बनी रहेगी।
एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के अनुसार, अगले सात दिनों के लिए एक्यूआई लगातार 350 से ऊपर बने रहने का अनुमान है और कभी-कभी 400 के निशान को भी पार कर जाएगा। इसलिए अधिकारियों को उन राज्यों में पराली जलाने पर कड़ाई से रोक लगानी चाहिए। पराली जलाने पर रोक लगाने के अलावा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परिवहन और धूल से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए ग्रेप के तहत निर्धारित उपायों को सख्ती से लागू किया जाए।"
(स्रोतः सीपीसीबी)
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साल | दीवाली से पहले | दीवाली पर | अगले दिन |
2024 | 307 | 328 | 339 |
2023 | 220 | 218 | 358 |
2022 | 259 | 312 | 303 |
2021 | 319 | 382 | 462 |
2020 | 339 | 414 | 435 |
2019 | 287 | 337 | 368 |
2018 | 338 | 281 | 390 |
2017 | 302 | 319 | 403 |
2016 | 404 | 431 | 445 |
2015 | 353 | 343 | 360 |