Delhi Pollution: पटाखों के धुएं में उड़ा प्रतिबंध, दिल्ली बनी दुनिया की सबसे प्रदूषित शहर
Delhi Air Pollution दिल्ली की AAP सरकार ने दीवाली पर पटाखे ना फोड़ने के लिए लोगों से अपील की थी। बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई। जिसका परिणाम हुआ कि राजधानी दुनिया का सबसे प्रदूषित श्रेणी में आ गया। दीवाली के दिन पटाखे जलने से पहले शाम छह-सात बजे तक वायु गुणवत्ता ठीक थी लेकिन आठ बजे के बाद इसमें लगातार बढ़ोतरी होती रही।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दीवाली की रात पटाखे जलाने पर दिल्ली में लगा प्रतिबंध धुएं में उड़ता नजर आया। राष्ट्रीय राजधानी में आधी रात के बाद तक खूब पटाखे जले। एनसीआर के शहरों में प्रतिबंध नहीं था। वहां भी जमकर पटाखे जले।
इसी का असर रहा कि पिछले दो साल के मुकाबले इस साल दीवाली के दिन एक्यूआइ ज्यादा दर्ज किया गया। हालांकि तेज हवा चलने से राहत भी रही और पूर्वानुमान के अनुसार एनसीआर में कहीं का भी एक्यूआइ गंभीर श्रेणी में नहीं पहुंचा।
अगले दिन भी एक्यूआई बीते वर्ष की तुलना में थोड़ा कम रहा। हालांकि, समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार पटाखे जलने के कारण दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रहा।
शाम आठ बजे के बाद प्रदूषण में होने लगी बढ़ोतरी
गुरुवार को पटाखे जलने से पहले शाम छह-सात बजे तक दिल्ली का प्रदूषण अपेक्षाकृत कम था, हवा भी चल रही थी, लेकिन शाम आठ बजे के बाद जब पटाखे जलने शुरू हुए तो इसमें हर घंटे इजाफा होने लगा।
गुरुवार शाम सात बजे दिल्ली का एक्यूआइ 327 यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था। रात 11 बजे के लगभग यह 330 दर्ज हुआ और शुक्रवार सुबह सात बजे 362 तक हो गया। सुबह हवा की गति मंद पड़ने पर स्माग की चादर भी देखने को मिली।
पराली के धुएं की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत तक पहुंची
आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम की मानें तो पड़ोसी राज्यों विशेष रूप से पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने से पीएम 2.5 प्रदूषण में 27 प्रतिशत तक प्रदूषण रहा। पराली जलाने के मामले भी एक ही दिन में 900 से ऊपर दर्ज किए गए।
परिवहन, शहर में प्रदूषण का एक अन्य प्रमुख कारण रहा, जिसने 13 प्रतिशत का योगदान दिया। दीवाली पर हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी थी। इसकी रफ्तार गुरुवार को 11:30 बजे से शाम छह बजे तक 12 से 16 तो शुक्रवार सुबह तीन से सात किमी प्रति घंटा थी।
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