Delhi Pollution: दिल्ली में सांसों का संकट, आनंद विहार का AQI खतरनाक स्तर पर पहुंचा
Delhi Pollution दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है। शाम को दिल्ली का औसत एक्यूआई 125 दर्ज किया गया जो अस्वस्थ लोगों के लिए सही नहीं है। आनंद विहार की हवा काफी जहरीली बनी हुई है शाम को एक्यूआई 401 दर्ज हुआ। सुबह भी एक्यूआई 400 से अधिक था। इस वजह से दिल्ली की आबोहवा स्वास्थ्य के लिए घातक बनी हुई है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण भी बढ़ने लगा है। सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 था, लेकिन हालात शाम को ठीक हो गए। हालांकि शाम साढ़े चार बजे औसत एक्यूआई दिल्ली का 125 दर्ज किया गया, जो अस्वस्थ लोगों के लिए सही नहीं है।
वहीं, आनंद विहार की हवा काफी जहरीली बनी हुई है। शाम को एक्यूआई 401 दर्ज हुआ। सुबह भी एक्यूआई 400 से अधिक था। इसका मतलब आनंद विहार का एक्यूआई खतरनाक स्तर पर बना हुआ है।
सुबह बेहद खराब दी दिल्ली की हवा
सुबह दिल्ली के दस इलाकों में एयर इंडेक्स 300 से अधिक होने के कारण हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही। इस वजह से दिल्ली की आबोहवा स्वास्थ्य के लिए घातक बनी हुई थी।
इन इलाकों में था ज्यादा प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार शनिवार सुबह दिल्ली का एयर इंडेक्स 278 रहा, जो खराब श्रेणी में है। आनंद विहार में सबसे अधिक 441 रहा एयर इंडेक्स। इस वजह से आनंद विहार में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। इसके अलावा बवाना, द्वारका सेक्टर आठ, जहांगीरपुरी, मुंडका, नरेला, एनएसआइटी द्वारका, रोहिणी सहित इलाकों में भी प्रदूषण अधिक है।
इस वजह से बवाना का एयर इंडेक्स 367, द्वारका सेक्टर आठ का 336, जहांगीरपुरी का 349, मुंडका का 372, नरेला 329, एनएसआईटी द्वारका का 302, पटपड़गंज का 311, रोहिणी के 333, शादीपुर का 310 व वजीरपुर का 361 रहा।
दूसरी ओर दिल्ली में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक 20.2 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
AQI से वायु प्रदूषण का चलता है पता
वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) एक नंबर होता है जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता को आंका जाता है। इससे वायु में मौजूद प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है। एक्यूआई की रीडिंग के आधार पर हवा की गुणवत्ता को छह कैटेगरी में बांटा गया है। शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 और 100 संतोषजनक, 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब, और 401 और 500 के बीच AQI को गंभीर माना जाता है।
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सांस के दो मरीजों की मौत
दिल्ली से सटे गाजियाबाद शहर की हवा खराब होने के साथ ही सांस के रोगियों की मुसीबत बढ़ने लगी है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में सांस और दमा के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिला एमएमजी अस्पताल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार कैलाशनगर के रहने वाले 65 वर्षीय देशराज की उपचार के दौरान मौत हो गई।
सीएमएस के अनुसार, देशराज क्रानिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का मरीज था। इसके अलावा कैलाश नगर के रहने वाले 36 वर्षीय राजू को इमरजेंसी में मृत घोषित किया गया है। राजू भी टीबी और सांस का मरीज था। उधर, रेलवे स्टेशन साहिबाबाद से 24 वर्षीय अमित को मृतावस्था में लाया गया।