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Delhi Pollution: इस महीने प्रदूषण ने बनाया रिकॉर्ड, 9 सालों में तीसरी बार दिल्लीवासियों ने हर दिन जहरीली हवा में ली सांस

दिसंबर में दिल्ली के प्रदूषण ने नया रिकार्ड कायम किया है। बीते नौ सालों में तीसरी बार ऐसा हुआ है जब दिल्लीवासियों को हर दिन जहरीली हवा में सांस लेनी पड़ी। माह के 30 में से एक भी दिन साफ हवा नहीं मिली। रविवार को माह के आखिरी दिन भी वायु गुणवत्ता ऐसी ही बने रहने के आसार हैं। 2016 के बाद सर्वाधिक प्रदूषण इसी दिसंबर में रहा है।

By sanjeev Gupta Edited By: Sonu SumanUpdated: Sat, 30 Dec 2023 07:14 PM (IST)
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9 सालों में तीसरी बार दिल्लीवासियों ने हर दिन जहरीली हवा में ली सांस।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिसंबर में दिल्ली के प्रदूषण ने नया रिकार्ड कायम किया है। बीते नौ सालों में तीसरी बार ऐसा हुआ है, जब दिल्लीवासियों को हर दिन जहरीली हवा में सांस लेनी पड़ी। माह के 30 में से एक भी दिन साफ हवा नहीं मिली। रविवार को माह के आखिरी दिन भी वायु गुणवत्ता ऐसी ही बने रहने के आसार हैं। 2016 के बाद सर्वाधिक प्रदूषण इसी दिसंबर में रहा है। 2021 का दिसंबर भी खासा प्रदूषित रहा था।

एयर इंडेक्स (एक्यूआई) मापने की शुरुआत 2015 में हुई थी। तब से लेकर दिसंबर 2023 तक वायु प्रदूषण का ग्राफ मिला जुला रहा है। जब से एयर इंडेक्स मापा जा रहा है, तभी से सर्दियों के इस महीने में कभी भी 'अच्छी' या 'संतोषजनक' श्रेणी की हवा नहीं रही है। इस वर्ष भी यह प्रवृत्ति बरकरार रही, लेकिन इन नौ साल में तीसरी बार ऐसा हुआ है जब पूरे माह 'मध्यम' श्रेणी की हवा भी नहीं मिली।

2016 के बाद दूसरी बार दिसंबर सबसे प्रदूषित

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 के बाद इस साल दूसरी बार ऐसा हुआ है कि दिसंबर में 'बहुत खराब' श्रेणी के दिन सबसे ज्यादा 23 रहे हैं। इसी तरह 'खराब' श्रेणी के दिन चार और 'गंभीर' श्रेणी के दिन तीन दर्ज किए गए हैं। रविवार का दिन भी 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी के बीच ही रहने का अनुमान है।

2015 से 2023 तक दिसंबर में वायु गुणवत्ता

वर्ष  अच्छी संतोषजनक मध्यम खराब बहुत खराब गंभीर
2015 0 0 3 10 18 0
2016 0 0 0 1 24 6
2017 0 0 2 9 19 1
2018 0 0 1 4 18 8
2019 0 0 3 7 13 8
2020 0 0 1 10 16 4
2021 0 0 0 10 14 7
2022 0 0 3 3 22 2
2023 0 0 0 4 23 3
(नोट : 2023 के आंकड़े 30 दिसंबर तक के हैं)

साल दर साल दिसंबर में ऐसी स्थिति बनने का मतलब यही है कि हम दिल्ली में प्रदूषण के आंतरिक और बाहरी स्रोतों की मात्रा को निर्धारित करने में विफल रहे हैं। इसे न केवल दिल्ली, एनसीआर बल्कि मैदानी क्षेत्र के राज्यों में भी तुरंत करने की जरूरत है। इसके अलावा बरसात का नहीं होना भी एक बड़ी वजह कही जा सकती है। ऐसे में स्थानीय प्रदूषण कम करने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाने की जरूरत है। यदि स्थानीय प्रदूषण कम होगा तो मौसमी परिस्थितियां उसमें ज्यादा वृद्धि नहीं कर सकेंगी। - डॉ. डी. साहा, पूर्व अपर निदेशक, सीपीसीबी

दिल्ली में सिर्फ एक ही दिन मिली अच्छी हवा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ही साल भर के आंकड़ों पर गौर करें तो 2023 में दिल्ली को सिर्फ एक दिन ''अच्छी'' श्रेणी की हवा मिली है। 2022 में ऐसे हवा तीन दिन मिली थी। ''अच्छी'', ''संतोषजनक'' और ''मध्यम'' श्रेणी यानी 0 से 200 तक एक्यूआइ वाले दिन इस वर्ष 206 जबकि ''खराब'', ''बहुत खराब'' और ''गंभीर'' श्रेणी यानी 201 से ऊपर एक्यूआइ वाले दिनों की संख्या 159 रही है।

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