Delhi Pollution: इस महीने प्रदूषण ने बनाया रिकॉर्ड, 9 सालों में तीसरी बार दिल्लीवासियों ने हर दिन जहरीली हवा में ली सांस
दिसंबर में दिल्ली के प्रदूषण ने नया रिकार्ड कायम किया है। बीते नौ सालों में तीसरी बार ऐसा हुआ है जब दिल्लीवासियों को हर दिन जहरीली हवा में सांस लेनी पड़ी। माह के 30 में से एक भी दिन साफ हवा नहीं मिली। रविवार को माह के आखिरी दिन भी वायु गुणवत्ता ऐसी ही बने रहने के आसार हैं। 2016 के बाद सर्वाधिक प्रदूषण इसी दिसंबर में रहा है।
2016 के बाद दूसरी बार दिसंबर सबसे प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 के बाद इस साल दूसरी बार ऐसा हुआ है कि दिसंबर में 'बहुत खराब' श्रेणी के दिन सबसे ज्यादा 23 रहे हैं। इसी तरह 'खराब' श्रेणी के दिन चार और 'गंभीर' श्रेणी के दिन तीन दर्ज किए गए हैं। रविवार का दिन भी 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी के बीच ही रहने का अनुमान है।2015 से 2023 तक दिसंबर में वायु गुणवत्ता
वर्ष | अच्छी | संतोषजनक | मध्यम | खराब | बहुत खराब | गंभीर |
2015 | 0 | 0 | 3 | 10 | 18 | 0 |
2016 | 0 | 0 | 0 | 1 | 24 | 6 |
2017 | 0 | 0 | 2 | 9 | 19 | 1 |
2018 | 0 | 0 | 1 | 4 | 18 | 8 |
2019 | 0 | 0 | 3 | 7 | 13 | 8 |
2020 | 0 | 0 | 1 | 10 | 16 | 4 |
2021 | 0 | 0 | 0 | 10 | 14 | 7 |
2022 | 0 | 0 | 3 | 3 | 22 | 2 |
2023 | 0 | 0 | 0 | 4 | 23 | 3 |
साल दर साल दिसंबर में ऐसी स्थिति बनने का मतलब यही है कि हम दिल्ली में प्रदूषण के आंतरिक और बाहरी स्रोतों की मात्रा को निर्धारित करने में विफल रहे हैं। इसे न केवल दिल्ली, एनसीआर बल्कि मैदानी क्षेत्र के राज्यों में भी तुरंत करने की जरूरत है। इसके अलावा बरसात का नहीं होना भी एक बड़ी वजह कही जा सकती है। ऐसे में स्थानीय प्रदूषण कम करने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाने की जरूरत है। यदि स्थानीय प्रदूषण कम होगा तो मौसमी परिस्थितियां उसमें ज्यादा वृद्धि नहीं कर सकेंगी। - डॉ. डी. साहा, पूर्व अपर निदेशक, सीपीसीबी