Delhi Pollution: दिल्ली की हवा हुई जहरीली, दोबारा लागू हो सकती है ग्रेप-3 की पाबंदियां; आयोग ने बुलाई आपात बैठक
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) तीन के प्रतिबंधों को फिर से लागू किया जा सकता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने प्रदूषण स्तर में गुरुवार को इजाफा होने पर आपात बैठक बुलाई। इसमें प्रदूषण की स्थिति और आगे के पूर्वानुमान पर चर्चा की गई। हालांकि गुणवत्ता में सुधार की संभावना है।
By sanjeev GuptaEdited By: Sonu SumanUpdated: Thu, 30 Nov 2023 09:53 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) तीन के प्रतिबंधों की फिर से वापसी हो सकती है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने फिलहाल इस स्थिति पर पूरी निगरानी रखने की बात कही है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रदूषण स्तर में गुरुवार को बहुत तेजी से इजाफा हुआ। इसे देखते हुए सीएक्यूएम की ग्रेप उप समिति की आपात बैठक हुई। इसमें प्रदूषण की स्थिति और आगे के पूर्वानुमान पर चर्चा की गई।
बैठक में कहा गया कि मौसम विभाग और आईआईटीएम पुणे के पूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार से प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है। इसे देखते हुए अभी ग्रेप तीन के प्रतिबंधों को दोबारा लगाने का फैसला नहीं किया गया।
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28 नवंबर को ग्रेप 3 को लिया गया था वापस
लेकिन बैठक में स्थिति पर पूरी तत्परता से निगरानी करने को कहा गया है। गुरुवार जैसी स्थिति एक-दो दिन और बनी रहती है तो ग्रेप 3 की वापसी हो सकती है। बता दें कि वायु प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए दो नवंबर को ग्रेप तीन के प्रतिबंध लगाए गए थे, लेकिन वर्षा के बाद प्रदूषण स्तर थोड़ा सुधरने पर 28 नवंबर को इन्हें वापस ले लिया गया था।मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों से बिगड़े हालात
इस बार नवंबर में बीते 12 साल की तुलना में सबसे ज्यादा वर्षा हुई है। इसके चलते प्रदूषण के स्तर में हल्की कमी भी आई, लेकिन यह राहत बस थोड़े दिन मिली। महीने में हवा की औसत रफ्तार चार किमी प्रति घंटे तक की रही। इसके चलते प्रदूषक कणों का विसर्जन बेहद धीमा रहा। सीएक्यूएम के अनुसार विपरीत मौसम के इन्हीं कारकों की वजह से इस बार नवंबर पहले से ज्यादा प्रदूषित रहा है। वैसे जनवरी से नवंबर का समग्र तौर पर अगर प्रदूषण देखें तो अभी भी यह साल पिछले छह साल की तुलना में कम प्रदूषित रहा है।
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