Delhi Pollution: यूं ही जहरीली होती रही हवा तो दिल्लीवालों की बढ़ेगी मुश्किल, दिवाली से पहले GRAP-3 होगा लागू
यदि आपको घर की मरम्मत या रंग-रोगन कराना है तो जल्द करवा लें। दीवाली के इंतजार में कहीं ऐसा न हो जाए कि योजना धरी रह जाए। वजह ये हैं कि अगले कुछ दिनों में कभी भी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का तीसरा चरण लागू हो सकता है। इसके तहत निर्माण व तोड़फोड़ कार्यों पर भी रोक लग जाएगी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। यदि आपको घर की मरम्मत या रंग-रोगन कराना है तो जल्द करवा लें। दीपावाली के इंतजार में कहीं ऐसा न हो जाए कि योजना धरी रह जाए।
वजह ये हैं कि अगले कुछ दिनों में कभी भी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का तीसरा चरण लागू हो सकता है। इसके तहत निर्माण व तोड़फोड़ कार्यों पर भी रोक लग जाएगी।
विशेषज्ञों के अनुसार इस बार दीपावाली नवंबर के दूसरे सप्ताह में पड़ रही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नवंबर सबसे अधिक प्रदूषित माह रहता है। नवंबर में पराली का सीजन भी चरम पर होता है।
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पराली का सीजन नवंबर के दूसरे सप्ताह में चरम पर रहता है
ऐसे में दीवाली के पूर्व ही प्रदूषण के ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच जाने के आसार हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा के अनुसार भी पराली का सीजन 15 सितंबर से 30 नवंबर तक होता है। इसका चरम नवंबर के पहले और दूसरे सप्ताह में रहता है।
15 सितंबर से 26 अक्टूबर तक पंजाब में पराली के 3,293, हरियाणा में 938 और उत्तर प्रदेश में 706 सामने आ चुके हैं। सफर (सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के अनुसार पिछले कुछ सालों के दौरान पराली का चरम सीजन आठ से 20 नवंबर के दौरान आता है। इस बार दीवाली भी इसी दौरान है।
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ये काम नहीं हो सकेंगे
निजी निर्माण कार्य पर रोक रहेगी। इसमें बोरिंग, ड्रिल वर्क, स्ट्रक्चरल कंस्ट्रक्शन, फेबरिकेशन, वेल्डिंग से जुडे़ काम, तोड़फोड़, कंस्ट्रक्शन से जुड़े सामान की लोडिंग अनलोडिंग प्रोजेक्ट साइट के बाहर, टाइल्स स्टोन फ्लोरिंग से जुड़े सामान काटने और लगाने का काम, ग्राइंडिंग, पाइलिंग, वाटर प्रूफिंग, पेटिंग, पालिशिंग, वर्निश आदि के काम नहीं हो सकेंगे।
ये काम किए जा सकेंगे
रेलवे सर्विस व रेलवे स्टेशन से जुड़े प्रोजेक्ट, डीएमआरसी और इसके स्टेशन से जुड़े प्रोजेक्ट, एयरपोर्ट और आईएसबीटी से जुड़े प्रोजेक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा/डिफेंस से जुड़े और राष्ट्रीय महत्व से जुड़े प्रोजेक्ट, अस्पताल और स्वास्थ्य, हाइवे, सड़क, फ्लाइओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन, सेनिटेशन आदि से जुड़े काम हो सकेंगे।
कब लागू होंगे GRAP-3 के नियम
अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया तो ग्रेप का तृतीय चरण लागू कर दिया जाएगा।