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Delhi Pollution Level: स्मॉग से लिपटी राजधानी, जहरीली हुई दिल्ली की हवा; नोएडा में AQI पहुंचा 540 के पार

Delhi Pollution Level दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है। नोएडा सेक्टर-1 में AQI 690 के पार दर्ज किया गया। वहीं राजधानी दिल्ली के भी कई इलाकों में बेहद खराब हालात हैं। ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथ ही आंखों में भी जलन होने से लोगों को घर से निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 08 Nov 2024 08:15 AM (IST)
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नोएडा में शुक्रवार सुबह एक्यूआई 690 के पार पहुंच गया है। जागरण फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Delhi Pollution Level राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से लोगों की सांसें फूलने लगी हैं। आज यानी शुक्रवार सुबह पूरी राजधानी स्मॉग में लिपटी नजर आई। मौसम विभाग के मुताबिक, दृश्यता दिल्ली में पालम पर 1000 मीटर और सफदरजंग पर 800 मीटर दर्ज किया गया।

वहीं, एक्यूआई बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथ ही आंखों में जलन होने से लोग परेशान हैं। उधर, मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में जहरीली हवा चल रही है, जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि शुक्रवार सुबह कहां कितना AQI रहा।

बता दें कि नोएडा सेक्टर-1 में शुक्रवार सुबह एक्यूआई 696 दर्ज किया गया। हालांकि, अब वहां एक्यूआई 543 दर्ज किया गया है। उधर, दिल्ली के पंजाबी बाग में एक्यूआई 361 दर्ज किया गया है।

दिल्ली-एनसीआर में कहां कितना पहुंचा AQI

आनंद विहार 427
नोएडा सेक्टर-1 543
ITI शारदा दिल्ली 359
वजीरपुर 340
ओखला दिल्ली 342
मेजर ध्यानचंद स्टेडियम दिल्ली 327

छठ पर फिर बढ़ा दिल्ली का वायु प्रदूषण

दिल्ली में बृहस्पतिवार को छठ पूजा के दौरान एक बार फिर से वायु गुणवत्ता में गिरावट देखने को मिली। एनसीआर के शहरों में एक्यूआइ के स्तर में इजाफा देखने को मिला। सुबह और रात के समय हल्के कोहरे एवं स्माग की परत भी देखी गई।

चिंताजनक स्थिति में कई इलाके

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार (सीपीसीबी) राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार का औसत एक्यूआइ 377 रहा। एक दिन पहले यह 352 रहा था। छठ पूजा के दौरान शाम को प्रदूषण स्तर में और वृद्धि देखी गई। शाम छह बजे यह एक्यूआई 382 तक पहुंच गया। चिंताजनक स्थिति यह कि शाम छह बजे दिल्ली के 16 इलाकों का एक्यूआई 400 से ऊपर यानी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। इनमें आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, मुंडका, जहांगीरपुरी, वजीरपुर, ओखला फेज दो, पंजाबी बाग, रोहिणी, सोनिया विहार और पटपड़गंज समेत कई अन्य इलाके भी शामिल हैं।

एनसीआर में भी कमोबेश यही स्थिति देखने को मिली। डिसिजन सपोर्ट सिस्टम, आइआइटीएम पुणे के अनुसार बृहस्पतिवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों के उत्सर्जन का सबसे अधिक योगदान था, जो लगभग 12 प्रतिशत था। परिवहन के अलावा दिल्ली के प्रदूषण में अन्य योगदान पराली का धुआं भी शामिल है।

बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान बढ़ा, दृश्यता रही कम ही

मौसमी उतार चढ़ाव के बीच बृहस्पतिवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। यह 18.0 डिग्री दर्ज किया गया, जोकि सामान्य से चार डिग्री अधिक है। एक दिन पूर्व बुधवार को यह 17.2 डिग्री सेल्सियस था। अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 31.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 94 से 59 रहा।

वहीं, हल्के कोहरे और स्माग के कारण बृहस्पतिवार को भी दिल्ली में दृश्यता का स्तर प्रभावित रहा। सुबह साढ़े सात बजे आइजीआई एयरपोर्ट पर दृश्यता का न्यूनतम स्तर 800 मीटर और सफदरजंग पर 1000 मीटर रिकार्ड किया गया। शुक्रवार सुबह और रात भी हल्का कोहरा और स्माग होने का अनुमान है।

दिल्ली सरकार हाटस्पाट क्षेत्रों में धूल प्रदूषण से निपटने के साथ-साथ प्रमुख प्रदूषकों पर रियल टाइम डेटा इकट्ठा करने के लिए स्प्रे करने वाले तीन ड्रोन किराये पर लेने जा रही है। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन ड्रोनों को पानी का छिड़काव करने व हवा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए 13 चिह्नित हाटस्पाट पर तैनात किया जाएगा।

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अधिकारियों ने कहा कि इससे धूल कणों को व्यवस्थित करने, पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) की सांद्रता को कम करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य व पर्यावरण पर प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी। पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि “हाटस्पाट इलाकों में 15 दिनों के परीक्षण के रूप में तीन ड्रोनों को संचालित करने के लिए एक वेंडर को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।” ड्रोन न्यूनतम 17 लीटर के टैंक होंगे और 15 मिनट के भीतर एक एकड़ को कवर करने में सक्षम होंगे।

बताया गया कि ये सटीक डेटा संग्रह और रिपोर्टिंग के लिए रियल टाइम मानिटरिंग सिस्टम और उच्च-रिजोल्यूशन कैमरों से भी जुड़े रहेंगे। ड्रोन पर लगाई गई वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली तापमान, आर्द्रता, दबाव, ओजोन, नाइट्रस ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, पीएम 10 और पीएम 2.5 सहित अन्य मापदंडों को मापने में सक्षम होगी।

15 दिनों के लिए बनाई गई अध्ययन की योजना

बताया गया कि ड्रोन द्वारा एकत्र किए गए रियल टाइम डेटा और इमेज को मूल्यांकन के लिए पर्यावरण विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की वायु प्रयोगशाला और ग्रीन वार रूम को आनलाइन प्रेषित किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि पायलट अध्ययन की योजना 15 दिनों के लिए बनाई गई है, लेकिन परीक्षण संतोषजनक होने पर अवधि और ड्रोन की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

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