Delhi Pollution: दिल्लीवासियों को फिलहाल राहत नहीं, ग्रेप तीन की पाबंदियों के बीच ही मनेगा दीवाली का त्योहार
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर जारी है और दीवाली तक इसमें सुधार की कोई उम्मीद नहीं है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार वायु गुणवत्ता के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है और जल्द ही GRAP के तीसरे चरण की पाबंदियां लागू की जा सकती हैं। रविवार को दिल्ली का एक्यूआई 356 दर्ज किया गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रहने वालों को जहरीली हवा से राहत मिलने की हाल फिलहाल कोई संभावना नहीं है। कम से कम दीवाली तक तो यही स्थिति बनी रहेगी। पूर्वाअनुमान तो यह है कि दीवाली के आसपास स्थिति और भयावह हो सकती है।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अली वार्निंग सिस्टम ने भी तीन चार दिनों के दौरान वायु गुणवत्ता के स्तर लगातार गिरावट का अनुमान दिया है। ऐसे में एक दो दिन के भीतर ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियां भी लागू कर दी जाएंगी।
ज्यादातर इलाकों का एक्यूआई भी 'बहुत खराब'
रविवार को दिल्ली का एक्यूआई 356 यानी 'बहुत खराब' की श्रेणी में पहुंच गया। शनिवार को यह 255 था। चौबीस घंटे के भीतर इसमें 101 अंकों की बढ़ोतरी हो गई। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का एक्यूआई भी 'बहुत खराब' और तीन इलाकों का 'गंभीर' श्रेणी में रहा। दिल्ली के आसमान पर सुबह के समय स्माग की चादर भी छाई रही, जिसके चलते दृश्यता का स्तर प्रभावित हुआ।14 प्रतिशत की हिस्सेदारी वाहनों के धुएं की रही
दरअसल, पिछले तीन दिनों से हवा की रफ्तार 16 से 18 किमी प्रति घंटे बनी हुई थी। इसीलिए प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई, जबकि रविवार को यह आठ किमी प्रति घंटे तक रह गई। इसीलिए एक्यूआई फिर बढ़ गया। आइआइटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) से सामने आया है कि रविवार को दिल्ली के वायु प्रदूषण में सबसे अधिक करीब 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी वाहनों के धुएं की रही।
बुधवार काे इसके 'गंभीर' श्रेणी में चलने जाने का अनुमान
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन अर्ली वार्निंग सिस्टम का पूर्वानुमान है कि सोमवार एवं मंगलवार को वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में ही रहेगा। बुधवार काे इसके 'गंभीर' श्रेणी में चलने जाने का अनुमान है। कहने का मतलब यह कि दीवाली से पहले एक्यूआई 400 पार हो जाएगा। पटाखे जलने की सूरत में, जैसाकि स्वाभाविक भी है, दिल्ली का इस बार भी गैस चैंबर बनना तय ही है।पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही
पर्यावरणविदों का कहना है कि जिस तरह पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, हवा की रफ्तार मंद है, पश्चिमी विक्षोभों के अभाव में बरसात होने की संभावना भी नहीं है और वाहनों का धुआं व धूल वातावरण में तेजी से प्रदूषण फैला रही है, अगले सप्ताह तक प्रदूषण कम होने की कोई संभावना नहीं है।
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- दिल्ली- 356
- फरीदाबाद- 208
- गाजियाबाद- 324
- ग्रेटर नोएडा- 312
- नोएडा- 239
- गुरुग्राम- 304
दिल्ली के इन इलाकों की हवा रही 'गंभीर' (शाम पांच बजे का एक्यूआई)
- बवाना- 415
- बुराड़ी क्रॉसिंग- 410
- जहांगीरपुरी- 407
- आनंद विहार- 396