Delhi Pollution: ये चार 'अदृश्य' फैक्टर बना रहे दिल्ली की हवा को जहरीली, दम घोंटने में 17 प्रतिशत की हिस्सेदारी
आपको सुनकर अजीब लग सकता है लेकिन यह सच है कि दिल्ली की हवा को जहरीली बनाने के पीछे कुछ ऐसे छुपे रुस्तम हैं जो दिखते भले न हों लेकिन यह राजधानी की हवा को जहरीली बना रहे हैं। दमघोंटू होती हवा के पीछे पराली तो बड़ा कारक है ही इसके साथ सोनीपत जिले का प्रदूषण भी है।
By sanjeev GuptaEdited By: Pooja TripathiUpdated: Tue, 24 Oct 2023 05:16 PM (IST)
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। पढ़ या सुनकर हैरानी भले ही हो, लेकिन राजधानी के वायु प्रदूषण में 'अदृश्य' कारक भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
आईआईटीएम पुणे के डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के अनुसार इस समय दिल्ली के प्रदूषण में 16.522 प्रतिशत हिस्सेदारी उन कारकों की है, जिनकी कोई पहचान ही नहीं है। जानकारी के मुताबिक पिछले दो तीन दिनों में प्रदूषण में एकाएक इजाफा हुआ है। स्मॉग भी देखने को मिल रहा है।
ये हैं प्रदूषण के चार कारक
डीएसएस से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो इस प्रदूषण के मुख्य तौर पर चार कारक हैं। इन्हीं की हिस्सेदारी इस समय प्रदूषण में सबसे अधिक हैं। डीएसएस के अनुसार आने वाले छह दिनों में भी इन्हीं के चलते प्रदूषण बढ़ेगा।
पराली का धुआं और पाकिस्तान-पंजाब से आने वाली हवाएं
पराली का धुंआ अब राजधानी में अच्छी मात्रा में पहुंच रहा है। दिशा बदलने के साथ ही पाकिस्तान और पंजाब की तरफ से आ रही हवाएं पराली के धुएं को राजधानी की तरफ धकेल रही हैं।रविवार को पराली का प्रदूषण 16.38 प्रतिशत के करीब रहा। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के मुताबिक 21 अक्टूबर को पराली जलाने के दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में 454 मामले सामने आए।15 सितंबर से 21 अक्टूबर तक 4026 जगहों पर पराली जल चुकी है। सबसे अधिक पंजाब में 146, हरियाणा में 68, यूपी में 59 मामले सामने आए हैं।
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