स्कूल के बाहर दोनों सड़कों से वाहनों की आवाजाही हो रही हैं। सीआरपीएफ स्कूल के पास स्थित लांसर पब्लिक स्कूल में पहले के मुकाबले आज कम बच्चे आ रहे हैं।
स्कूल के कैब चालक सुरेंद्र सिंह का कहना है कि रोजाना 20 बच्चे लेकर लांसर पब्लिक स्कूल में आते हैं औरर आज 7 ही छात्र आए हैं। वहीं, कैब चालक इंदरजीत सिंह ने कहा कि वह लांसर पब्लिक स्कूल के छात्रों को लेकर आता हूं। पहले रोजाना 7 छात्रों को लेट थे, आज 3 ही छात्र आए हैं। सीआरपीएफ स्कूल के सामने सभी दुकानें बंद पड़ी हैं। वहीं, आसपास की दुकानें खुली हैं।
रविवार को स्कूल बंद होने से टला बड़ा हादसा
मालूम हो कि रविवार को छुट्टी का दिन होने से बड़ा हादसा होने से टल गया। प्रशांत विहार स्थित सीआरपीएफ स्कूल के पास जहां धमाका हुआ, इससे कुछ ही दूरी पर एक और निजी स्कूल है। इन दोनों ही स्कूल में छह हजार से अधिक छात्र पढ़ते हैं, जो रोजाना सुबह स्कूल वैन, बस व अपने-अपने वाहनों से स्कूल से आते हैं।
ऐसे में स्कूल के पास सुबह गाड़ियों की लाइन लगी होती है। काफी संख्या में छात्र यहां सड़कों पर इस समय उतरते होते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है गनीमत रहा कि स्कूलों की छुट्टी वाले दिन यह हादसा हुआ, नहीं तो अन्य दिनों में छात्रों के बीच भगदड़ मच जाती। जिससे बड़ा हादसा हो सकता था।
जांच एजेंसियों को अलर्ट रहने की जरूरत
दिल्ली पुलिस व सुरक्षा जांच एजेंसियों को इस घटना से सबक लेते हुए अलर्ट रहने की जरूरत है। सीआरपीएफ के इस स्कूल में चार गेट हैं। जहां यह ब्लास्ट हुआ, वह स्कूल के गेट नंबर एक से महज कुछ कदम की दूरी पर ही है। इसी गेट से अधिकतर छात्रों का आना-जाना लगा रहता है।
स्कूल से 200 मीटर की दूरी पर पुलिस का बूथ
अभिभावकों की माने तो स्कूल में सुरक्षा को लेकर कई जवान तैनात भी हैं, लेकिन स्कूल के अंदर ही होते हैं। मुख्य गेट पर भी कई सुरक्षा गार्ड मौजूद होते हैं। वहीं, इस स्कूल से 200 मीटर की दूरी पर दिल्ली पुलिस का बूथ है। वहीं करीब 500 मीटर की दूरी पर प्रशांत विहार थाना व कुछ ही दूरी पर रोहिणी कोर्ट भी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि फिर भी इस तरह की घटना होना पुलिस के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों की विफलता है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि स्कूल के आसपास काफी सुरक्षा पहले से ज्यादा बढ़ा दी गई है। ऐसे में बच्चों को स्कूल आने-जाने में किसी तरह का खतरा नहीं है।
रविवार की शाम इस जगह पर होते हैं काफी लोग
घटनास्थल के पास ही डीडीए की मार्केट, फास्ट फूड समेत कई खाने-पीने की दुकानें हैं। कई चीजें यहां मशहूर होने की वजह से दूर-दूर से यहां लोग खाने के लिए आते हैं। शनिवार व रविवार की शाम यहां काफी संख्या में लोग आते हैं, जो दुकानों से खाने का सामान लेकर सड़कों किनारे गाड़ियों में बैठकर या खड़े होकर खाते हैं। जहां धमाका हुआ, इसके पास भी काफी गाड़ियां खड़ी होती हैं। दुकानदारों ने कहा गनीमत रही कि यह हादसा सुबह हुआ।
स्कूलों के पास भी बढ़ाई गई सुरक्षा
रोहिणी, प्रशांत विहार, पीतमपुरा समेत आसपास के स्कूलों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्कूल प्रशासन की ओर से जहां निजी सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। तो वहीं कई स्कूलों के आसपास लगे कैमरों की भी जांच की जा रही है। खराब कैमरों को सही कराया जा रहा है। वहीं, पुलिस की ओर से भी स्कूलों के आसपास मुस्तैदी बढ़ा दी गई है। स्कूलों में तैनात सुरक्षाकर्मियों से पुलिस तालमेल कर रही है।
पुलिस सुरक्षा बढ़ाने की मांग
दुकानदार सूरज का कहना है कि इस वारदात के बाद से उनके कारोबार पर असर पड़ेगा। ग्राहक कुछ दिनों तक कम ही आएंगे। इलाके में सुरक्षा अधिक होनी चाहिए। इस वारदात के बाद से घटनास्थल के आसपास की सारी दुकानें बंद रहीं। करीब 200 मीटर तक कोई भी दुकान नहीं खुली।