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Delhi Rain: रिकॉर्डतोड़ बारिश के बावजूद दिल्ली के दो जिलों में 'सूखे' की मार! मौसम विशेषज्ञ ने बताई वजह

दिल्ली में जुलाई की वर्षा ने कई रिकॉर्ड बना दिए हैं। वहीं कुल वर्षा 15 साल की दूसरी सर्वाधिक रही है लेकिन तब भी हैरत की बात यह कि उत्तर पूर्वी और पश्चिमी जिला सूखे की मार झेल रहा है। मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में एक जून से अभी तक सामान्य से 210.3 मिमी ज्यादा वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है।

By sanjeev GuptaEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Sun, 30 Jul 2023 10:35 PM (IST)
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दिल्ली में जुलाई की वर्षा ने कई रिकॉर्ड बना दिए हैं। फोटो- एजेंसी
नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। इसे जलवायु परिवर्तन का असर कहें या फिर एक साथ कई मौसम प्रणालियों का सम्मिश्रण, दिल्ली में जुलाई की वर्षा ने कई रिकॉर्ड बना दिए हैं। 24 घंटे की बरसात ने 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। वहीं, कुल वर्षा 15 साल की दूसरी सर्वाधिक रही है, लेकिन तब भी हैरत की बात यह कि उत्तर पूर्वी और पश्चिमी जिला 'सूखे' की मार झेल रहा है।

मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में एक जून से अभी तक सामान्य से 210.3 मिमी ज्यादा वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है। राष्ट्रीय राजधानी के सभी मौसम केंद्रों में वर्षा की अधिकता का आंकड़ा 83.1 से 222.5 मिमी तक है। वहीं, सात जिलों में 325.1 से 634.3 मिमी तक है, जबकि दूसरी तरफ उत्तर पूर्वी व पश्चिमी जिले की वर्षा अभी भी सामान्य से चार से 45 प्रतिशत कम चल रही है।

एक जून से 30 जुलाई तक हुई वर्षा का ब्यौरा (मिमी में)

जिला कितनी वर्षा हुई सामान्य वर्षा अंतर
मध्य दिल्ली 634.3 293.3 116 प्रतिशत
पूर्वी दिल्ली 517.8 293.3  77 प्रतिशत
नई दिल्ली 465.6  276.0 69 प्रतिशत
उत्तरी दिल्ली 442.0 249.2 77 प्रतिशत
उत्तरी पूर्वी दिल्ली 161.1  293.3 45 प्रतिशत
उत्तरी पश्चिमी दिल्ली  325.1  189.2 72 प्रतिशत
दक्षिणी दिल्ली  428.9  293.3  46 प्रतिशत
दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली  368.7  248.4  48 प्रतिशत
पश्चिमी दिल्ली  255.1  267.0 4 प्रतिशत

एक जून से 30 जुलाई तक हुई वर्षा का ब्यौरा (मिमी में)

स्थान कितनी वर्षा हुई सामान्य वर्षा अंतर
सफदरजंग  486.3  276.0  76 प्रतिशत
पालम 350.1 267.0 31 प्रतिशत
लोधी रोड 498.5 276.0 81 प्रतिशत
रिज 458.7 249.2 84 प्रतिशत

पंद्रह सालों में सबसे अधिक वर्षा वाली जुलाई

  • 2023 (अब तक) : 384.6 मिमी
  • 2021 : 507.1 मिमी
  • 2013 : 340.5 मिमी
  • 2016 : 292.5 मिमी

जलवायु परिवर्तन के चलते अब दिल्ली ही नहीं, देश के सभी हिस्सों में पैची रैन यानी अलग अलग जगह अलग हिसाब से वर्षा होने लगी है। कहीं कम होती है तो कहीं ज्यादा। कहीं तेज होती है तो कहीं हल्की या मध्यम। इसीलिए दिल्ली के विभिन्न जिलों और मौसम केंद्रों में वर्षा के आंकड़ों में अंतर देखने को मिलता है।

-महेश पलावत, उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन), स्काईमेट वेदर

रिपोर्ट इनपुट- संजीव 

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