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दिल्ली में तेजी से बढ़ रहा क्लाइमेट चेंज का दायरा, अकेले जनवरी में टूटा 2023 का चरम मौसमी घटनाओं का रिकॉर्ड

2023 के दौरान वर्ष भर में जितनी चरम मौसमी घटनाएं दर्ज की गई थीं उससे कहीं ज्यादा इस साल जनवरी में सामने आ गई हैं। इस माह में कमोबेश हर दिन ही दिल्ली वासियों ने चरम मौसमी घटना का एहसास किया। यह बात सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) द्वारा जारी द स्टेट आफ इंडियाज एनवायरमेंट 2024 रिपोर्ट में सामने आई है

By sanjeev Gupta Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Thu, 29 Feb 2024 11:30 PM (IST)
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अकेले जनवरी में टूटा 2023 का चरम मौसमी घटनाओं का रिकॉर्ड

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में भी जलवायु परिवर्तन के असर का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। आलम यह है कि 2023 के दौरान वर्ष भर में जितनी चरम मौसमी घटनाएं दर्ज की गई थीं, उससे कहीं ज्यादा इस साल जनवरी में सामने आ गई हैं।

हर दिन चरम मौसमी घटना का एहसास

इस माह में कमोबेश हर दिन ही दिल्ली वासियों ने चरम मौसमी घटना का एहसास किया। यह बात सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) द्वारा जारी द स्टेट आफ इंडियाज एनवायरमेंट 2024 रिपोर्ट में सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक तेजी से होते भवन निर्माण, सड़कों के बढ़ने, एसी के इस्तेमाल, निजी गाड़ियों के अधिक उपयोग व जलवायु परिवर्तन के असर से दिल्ली का 35 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र अत्यधिक गर्मी से जूझ रहा है।

आईआईटीएम पुणे के जलवायु विज्ञानी राक्सी मैथ्यू कौल बताते हैं कि दिल्ली में आबादी काफी अधिक है। गर्मी यहां ट्रेप होकर रह जाती है। रात के समय कंक्रीट की वजह से जमीन की गर्मी ऊपर नहीं जा पाती। लिहाजा, रात में भी जमीनी सतह गर्म रहती है। अनधिकृत कालोनियां भी बढ़ती जा रही हैं, जिससे हरित क्षेत्र कम हो रहा है।

रिपोर्ट में दिल्ली को गर्मी से बचाने के कुछ तरीके भी सुझाए गए हैं। इसके तहत यहां हरित क्षेत्र के साथ ही नीला क्षेत्र (नमभूमि, तालाब, झील, बरसाती नाले) आदि को बढ़ाया जाना चाहिए। धूप की गर्मी को रोकने के लिए पेड़ों का घनत्व बढ़ाने की जरूरत है। भवनों के बीच में खाली जमीन व जलाशयों पर फोकस करने की जरूरत है। रिहायशी और औद्योगिक क्षेत्रों में गर्मी बढ़ने से रोकने की अधिक जरूरत है। वहीं पर सर्वाधिक निर्माण कार्य हो रहा है। यहां शेडिंग डिवाइस और ठंडी रहने वाली छतों के इस्तेमाल सहित अन्य उपाय अपनाए जाने चाहिए।

दिल्ली का 1/5 वां हिस्सा गलियों का है। गलियों को इस तरह डिजाइन करने की जरूरत है, जिससे लोग पैदल चल सकें। इसके लिए साइड- वाक को बदलने, पार्किंग लाट, घास के फुटपाथ बनाने की जरूरत है। घास के फुटपाथ गर्मी को भी कम करेंगे। सड़कों के किनारे पेड़ लगाने की जरूरत है।

फरवरी का महीना रहा इस बार सालों में ठंडा

सिकुड़ती सर्दियों के बीच वर्ष 2023 में जहां दिल्ली में फरवरी की गर्मी ने 17 साल का रिकॉर्ड तोड़ा दिया था। वहीं इस साल यह अधिकतम एवं न्यूनतम दोनों ही मामलों में रिकॉर्ड ठंडा रहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक अधिकांश दिन तापमान सामान्य से कम या इसके आसपास ही रहा। इसी के चलते माह का औसत अधिकतम सामान्य 24.2 डिग्री के बनिस्पत 0.3 डिग्री कम 23.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। यह 2019 के बाद पांच सालों में सबसे कम है, तब यह 22.5 डिग्री रहा था।

वहीं माह का औसत न्यूनतम सामान्य 10.6 की तुलना में 1.3 डिग्री कम 9.3 सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह 2012 से अब तक यानी 13 सालों में सबसे कम है। इस माह में वर्षा ने दस साल का रिकॉर्ड तोड़ा दिया। 2014 में 48.8 मिमी वर्षा हुई थी, जबकि उसके बाद इस वर्ष सर्वाधिक 32.5 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है।

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