Stubble Burning Cases: दिल्ली में पराली जलाने का टूटा रिकॉर्ड, पांच वर्षों में इस बार सबसे ज्यादा जली पराली
दिल्ली में पराली जलाने के मामले पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा बढ़े हैं। सितंबर से अक्टूबर के बीच 12 घटनाएं सामने आई हैं जिनमें से आठ उत्तरी और तीन उत्तर पश्चिमी दिल्ली में दर्ज हुई हैं। यह चिंता का विषय है क्योंकि राजधानी में पराली जलाने को लेकर काफी जागरूकता है और बायो डीकंपोजर का छिड़काव भी समय पर शुरू हो गया था।
संजीव गुप्ता नई दिल्ली। सियासी आरोप- प्रत्यारोप के बीच दिल्ली में एक महीने के दौरान पराली जलाने की 12 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) निगरानी तंत्र क्रीम्स के अनुसार इनमें से आठ घटनाएं उत्तरी व तीन उत्तर पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में दर्ज हुई हैं।
हैरत की बात यह भी कि 15 सितंबर से 26 अक्टूबर तक की अवधि का राजधानी में यह आंकड़ा पांच सालों के दौरान का सर्वाधिक है। 2020 में इस दौरान पराली जलाने की चार, 2022 में तीन एवं 2023 में सिर्फ दो घटनाएं दर्ज की गई थीं। 2021 में एक भी केस सामने नहीं आया था।
आंकड़े चिंताजनक
चूंकि राष्ट्रीय राजधानी में पराली जलाने को खासी जागरूकता है और बायो डीकंपोजर का छिड़काव भी यहां समय पर ही शुरू हो गया था। लिहाजा, पराली जलाने के यह आंकड़े चिंताजनक हैं।डिसीजन सपोर्ट सिस्टम, आईआईटीएम पुणे के अनुसार शनिवार को राजधानी के वायु प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा है 5.502 प्रतिशत था। आने वाले दिनों में यह और बढ़ने का पूर्वानुमान है।
हर दिन तीन सौ से ज्यादा मामले
आमतौर पर देश के तीन राज्यों में पराली जलाने के मामले सामने आते हैं। क्रीम्स के अनुसार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से रोज पराली जलाने के 300 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।डेढ़ महीने में 3400 के पार हुआ पराली का आंकड़ा
इस साल पराली जलाने का आंकड़ा 3,400 के पार पहुंच गया है। क्रीम्स के मुताबिक 15 सितंबर से लेकर 26 अक्टूबर तक के बीच यानी लगभग एक महीने में पराली जलाने की 3,434 मामले दर्ज किए गए हैं। पंजाब में सबसे ज्यादा 1,857 मामले सामने आए हैं। जबकि, हरियाणा में 700 और उत्तर प्रदेश में 865 मामले दर्ज किए गए हैं।
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