दिल्ली दंगा : ताहिर हुसैन के भाई समेत दो को मिली जमानत, चार की अर्जी खारिज
25 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली के चांद बाग इलाके में मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन के घर की छत से पेट्रोल और तेजाब बोतलों में भर कर फेंका गया था। इस क्षेत्र में कई दुकानों और घरों में आग लगाई गई थी।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 10 Dec 2020 07:10 AM (IST)
नई दिल्ली, आशीष गुप्ता। दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन का छोटा भाई शाह आलम समेत दो आरोपितों को कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत दे दी। वहीं, युवक राहुल सोलंकी की हत्या के मामले में दो आरोपितों की अग्रिम जमानत और तोड़फोड़ व आगजनी के मामलों में दो आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई।
25 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली के चांद बाग इलाके में मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन के घर की छत से पेट्रोल और तेजाब बोतलों में भर कर फेंका गया था। इस क्षेत्र में कई दुकानों और घरों में आग लगाई गई थी। इस मामले में आरोपित ताहिर के छोटे भाई शाह आलम ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट में इस पर सुनवाई के दौरान आरोपित के वकील दिनेश तिवारी ने पक्ष रखा कि शाह आलम को झूठे मामले में फंसाया गया है।
इस मामले में मुकदमा घटना के तीसरे दिन दर्ज किया गया है। इस देरी पर कोई कारण पुलिस की तरफ से स्पष्ट नहीं किया गया। आरोपित के वकील ने कोर्ट में आरोप लगाया कि इस मामले में झूठे गवाह बनाए गए हैं। अभियाेजन पक्ष के वकील मनोज चौधरी ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि कहा कि आरोपित शाह आलम मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन का छोटा भाई है। जो कि दंगे में प्रमुख रूप से शामिल रहा। उसे अन्य आरोपितों के समान जमानत नहीं दी जा सकती।
इस दंगे में शामिल कई लोगों की पहचान और गिरफ्तारी बाकी है। आरोपित बाहर जाने के बाद गवाहों को धमका सकता है। दोनों पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने शाह आलम को 20 हजार रुपये की जमानत राशि और निजी मुचलके पर जमानत दे दी। वहीं दयालपुर इलाके के मूंगा नगर में दुकान में तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में आरोपित गुलफाम को कोर्ट ने 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। आरोपित के वकील सरफराज आसिफ ने कोर्ट में पक्ष रखा कि गुलफाम को मामले में गलत फंसाया गया है। एफआइआर में न ही उसका नाम है और न ही घटना में उसकी भूमिका स्पष्ट की गई है।
इसके अलावा युवक राहुल सोलंकी की हत्या के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट ने आरोपित आसिफ और मुहम्मद शाहरुख की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने आदेश में कहा कि सांप्रदायिक दंगे की साजिश को उजागर करने के लिए इन आरोपितों की उपस्थिति और भूमिका को जानना जरूरी है। भजनपुरा इलाके में उपद्रव मचाने के आरोपित नदीम कुरैशी और गोकलपुरी इलाके में तोड़फोड़ करने के आरोपित राशिद की जमानत अर्जी को इस कोर्ट ने खारिज कर दिया।
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