दिल्ली दंगा: वीडियो में दिखी आरोपित के हाथ में लोहे की छड़ी, कोर्ट ने जमानत देने से किया इन्कार
दिल्ली दंगे के दौरान जाफराबाद इलाके में एक युवक की हत्या के मामले में वीडियो देखने के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित रिफाकत अली को जमानत देने से इन्कार कर दिया। वीडियो में आरोपित के हाथ में लोहे की छड़ी थी।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Thu, 29 Jul 2021 01:19 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे के दौरान जाफराबाद इलाके में एक युवक की हत्या के मामले में वीडियो देखने के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित रिफाकत अली को जमानत देने से इन्कार कर दिया। वीडियो में आरोपित के हाथ में लोहे की छड़ी थी। कोर्ट ने कहा कि आरोपित ने अपने बयान में कुबूला है कि वह घटना स्थल पर मौजूद था। वीडियो को लेकर भी उसने किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई। ऐसे में उसकी अर्जी को खारिज करने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य हैं।
गत वर्ष 25 फरवरी को जाफराबाद 66 फुटा रोड पर क्रीसेंट स्कूल के पास दंगाइयों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के अलावा गोलियां चलाई थीं। जिसमें 19 पुलिस कर्मी घायल हुए थे। इसी दौरान दंगाइयों की गोली से युवक अमान की मौत हो गई थी। इस मामले में आरोपित रिफाकत अली गत वर्ष 30 मार्च से न्यायिक हिरासत में है। उसने हाल में जमानत के लिए अर्जी दायर की थी। उसकी अर्जी पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट में सुनवाई हुई। आरोपित की तरफ से पेश वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल दंगे में शामिल नहीं था। उसने दंगे से ठीक पहले क्रीसेंट स्कूल के पास दुकान खरीदी थी। वह घटना वाले दिन कामकाज खत्म कर घर जा रहा था। साथ ही कहा कि उनके मुवक्किल का नाम एफआइआर में दर्ज नहीं था। एक अन्य आरोपित के बयान और एक वीडियो के आधार पर उसे गलत फंसाया गया है।
वहीं, अभियोजन पक्ष ने इस जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित वीडियो में स्पष्ट नजर आ रहा है। वीडियो में दिख रही उसकी टोपी भी बरामद की गई है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी। उधर, दयालपुर इलाके में हुई ¨हसा और आगजनी के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के कोर्ट ने आरोपित साजिद को जमानत दी है। उसे दस हजार रुपये राशि की जमानत और इतनी ही राशि का निजी मुचलका जमा कराना होगा।
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